डीयू में दिल्ली सरकार के 16 कॉलेजों का अधिग्रहण करे केंद्र सरकार: शिक्षक संगठन
नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान को पत्र लिखा है। शिक्षकों ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग की है कि डीयू के अंतर्गत आने वाले दिल्ली सरकार के 16 वित्त पोषित कॉलेजों को केंद्र सरकार अधिग्रहित करे। फिलहाल दिल्ली सरकार इन कॉलेजों को केवल 5 फीसदी अनुदान देती है। दरअसल, दिल्ली सरकार के अंतर्गत 28 कॉलेज आते हैं। इनमें से 12 कॉलेज दिल्ली सरकार द्वारा शत-प्रतिशत वित्त पोषित है। दिल्ली सरकार इन 16 कॉलेजों में हर साल अपनी प्रबंध समिति बनाती है। शिक्षक संगठन, फोरम ऑफ अकेडमिक्स फॉर सोशल जस्टिस के मुताबिक, यह प्रबंध समिति कॉलेजों की सुचारु रूप से चल रही गतिविधियों में मनमाना हस्तक्षेप करती हैं। जबकि शिक्षकों व कर्मचारियों की सैलरी के अलावा सभी व्यय यूजीसी के माध्यम से सीधे कॉलेजों को आता है, इन कॉलेजों के वित्तीय मामले में भी दिल्ली सरकार की प्रबंध समिति पूरा हस्तक्षेप करती है।
उन्होंने बताया है कि पिछले आठ साल से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और इन कॉलेजों की प्रबंध समितियों में उन्हीं के चेयरमैन होने के बावजूद इनमें कर्मचारियों व शिक्षकों की स्थायी नियुक्तियां नहीं हुई हैं, जबकि इन कॉलेजों में शिक्षकों के लगभग 1200 पद खाली पड़े हुए हैं।
5 फीसदी अनुदान प्राप्त 16 कॉलेजों में श्री अरबिंदो कॉलेज, सत्यवती सह-शिक्षा कॉलेज, शहीद भगत सिंह कॉलेज, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, कालिंदी कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, विवेकानंद कॉलेज, भारती कॉलेज, मैत्रीय कॉलेज, दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स, शिवाजी कॉलेज, राजधानी कॉलेज, गार्गी कॉलेज व कमला नेहरू कॉलेज हैं।
इन कॉलेजों की प्रबंध समिति में दिल्ली सरकार से 5 सदस्यों को भेजा जाता है, वहीं सांध्य कॉलेजों में है 6 सदस्यों को भेजा जाता है। इसके अलावा 5 सदस्य दिल्ली विश्वविद्यालय से तथा 2 प्रोफेसर के अलावा कॉलेजों के प्रिंसिपल, 1 जूनियर शिक्षक व 1 सीनियर शिक्षक होता है। सभी सदस्य मिलकर प्रबंध समिति के चेयरमैन व कोषाध्यक्ष का चुनाव करते हैं। दिल्ली सरकार के कॉलेजों में व्यवस्थित प्रबंध समिति होने के बावजूद पिछले आठ साल से इन कॉलेजों में शिक्षकों, कर्मचारियों और प्रिंसिपलों की स्थायी नियुक्ति नहीं की गई।
फोरम के चेयरमैन डॉ. सुमन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से कहा है कि दिल्ली सरकार के इन कॉलेजों में अभी भी एक्टिंग व ऑफिसिएटिंग प्रिंसिपल कार्य कर रहे हैं। कई बार प्रिंसिपल के पदों के लिए विज्ञापन निकाले गए, लेकिन दिल्ली सरकार की उदासीनता के कारण पदों को भरने की समय सीमा भी समाप्त हो गई। कुछ कॉलेजों में प्रिंसिपल पदों पर साक्षात्कार हुआ, लेकिन किन्हीं कारणों से स्थायी नियुक्ति नहीं हो सकी।
केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से भी मांग की है कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले इन 16 कॉलेजों में केंद्र सरकार अपनी प्रबंध समिति बनाए।