सीरम इंस्टीट्यूट को केंद्र सरकार ने दिया कोविशील्ड की 66 करोड़ डोज का ऑर्डर, दिसंबर तक सप्लाई की उम्मीद

केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ जारी जंग में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए कमर कस ली है।

Update: 2021-09-09 18:17 GMT

केंद्र सरकार ने कोरोना के खिलाफ जारी जंग में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के लिए कमर कस ली है। इसी के मद्देनजर सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कोरोना की वैक्सीन कोविशील्ड की 66 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि इस ऑर्डर को सीरम दिसंबर तक पूरा कर सकता है।

यह बात ऐसे समय सामने आई है, जब एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को बताया है कि फर्म सितंबर के महीने में कोविशील्ड की 20.29 करोड़ खुराक की आपूर्ति कर पाएगी। पुणे स्थित फर्म ने कोविशील्ड की निर्माण क्षमता को प्रति माह 20 करोड़ से अधिक खुराक तक बढ़ा दिया है।
एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने जुलाई में भारत बायोटेक को कोवाक्सिन की 28.50 करोड़ खुराक की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था, लेकिन कंपनी अभी तक इसकी आपूर्ति शुरू नहीं कर पाई है। सूत्रों के मुताबिक, भारत बायोटेक कोवाक्सिन की पांच करोड़ खुराक की आपूर्ति पूरी करने के करीब है, जिसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 मार्च को ऑर्डर दिया था। मंत्रालय ने अगस्त-सितंबर के बीच कोविशील्ड की 37.50 करोड़ खुराक का ऑर्डर दिया था और एसआईआई सितंबर के मध्य तक इस आपूर्ति को पूरा करने जा रहा है।
अगस्त तक 60 करोड़ खुराक सप्लाई कीं
31 अगस्त को जब देश में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 65 करोड़ के पार हुआ था, उस वक्त सिंह ने नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को बताया था कि सीरम अब तक अकेले 60 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की सप्लाई कर चुका है। उन 60 करोड़ वैक्सीन में जनवरी में 2.1 करोड़, फरवरी में 2.5 करोड़, मार्च में 4.73 करोड़, अप्रैल में 6.25 करोड़, मई में 5.96 करोड़, जून में 9.68 करोड़, जुलाई में 12.37 करोड़ और अगस्त में 16.92 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक शामिल हैं।
मई में शाह को लिखा था पत्र
इससे पहले मई में सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा था। इसमें बताया गया था कि उसके कर्मचारी महामारी के कारण विभिन्न चुनौतियों के बावजूद चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और कंपनी की वैक्सीन बनाने की क्षमता को बढ़ाने में अहम योगदान दे रहे हैं।
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