केंद्र सरकार ने कोविड के नए प्रोटोकॉल में दी जानकारी, कहा- 'कोरोना ज्यादातर हवा के जरिए फैल रहा'
केंद्र सरकार ने कोविड के नए प्रोटोकॉल में दी जानकारी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने कोविड-19 के लिए अपने लेटेस्ट क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल (Clinical Management Protocol) में कहा कि कोरोना का संक्रमण (Coronavirus) सबसे ज्यादा हवा से और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बात करने पर निकलने वाली ड्रॉपलेट्स से फैलता है.
यह पिछले साल जून 2020 में प्रकाशित क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल से अलग है, जिसमें मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि संक्रमण नजदीकी संपर्क (Close Contact) से और मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और बातचीत करने पर निकलने वाली श्वसन बूंदों (respiratory Droplets) के माध्यम से फैलता है.
भीड़भाड़ वाली जगह पर फैल सकता है संक्रमण
केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक गाइडलाइन में कहा गया है कि संक्रमित एरोसोल हवा में 10 मीटर तक जा सकते हैं. वायरस मुख्य रूप से उन लोगों के बीच फैलता है जो आम तौर पर 1 मीटर (छोटी दूरी) तक एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं. एक व्यक्ति तब संक्रमित हो सकता है जब एरोसोल या इन्फेक्टेड ड्रॉपलेट्स को सांस द्वारा अंदर खींच लिया जाए.
इन इन्फेक्टेड ड्रॉपलेट्स के आंख, नाक या मुंह के संपर्क में आने पर भी व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. संक्रमण खराब वेंटिलेशन और भीड़-भाड़ वाली जगह पर फैल सकता है, जहां लोग शारीरिक रुप से नजदीक होते हैं.
लेटेस्ट प्रोटोकॉल में शामिल कुछ नए बदलाव:
Ivermectin: हल्के संक्रमण वाले मरीजों के लिए Ivermectin टैबलेट (200 mcg/kg दिन में एक बार खाली पेट) को 3 से 5 दिनों के लिए अनुशंसित किया गया है. हालांकि कहा गया है कि इस टैबलेट को गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लेने से बचना चाहिए. यह पिछले साल के प्रोटोकॉल में शामिल नहीं था.
Steroids: नए प्रोटोकॉल में कहा गया है कि स्टेरॉयड की हल्के संक्रमण में कोई जरूरत नहीं है. हालांकि अगर लक्षण (लगातार बुखार, खांसी आदि) 7 दिनों या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं, तो डॉक्टर से लो-डोज ओरल स्टेरॉयड से इलाज के बारे में परामर्श लिया जा सकता है.
Plasma Therapy: जैसा कि पहले ही घोषणा हो चुकी है कि मंत्रालय ने अपनी जांच संबंधी उपचारों की सूची से प्लाज्मा थेरेपी को हटा दिया है, जिसको पिछले साल क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में शामिल किया गया था.