केंद्र ने न्यायमूर्ति दिनेश शर्मा को पीएफआई मामले में न्यायाधिकरण का पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया

Update: 2022-10-06 06:05 GMT
नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगी संगठनों को बैन करने के मामले में गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। ये पीएफआई पर प्रतिबंध की समीक्षा करेंगे। केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया है कि न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा को पीएफआई और उसके सहयोगियों के मामले में न्यायाधिकरण के पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है। पीएफआई के सहयोगियों में रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन, नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन (केरल) शामिल हैं।
नोटिफिकेशन के अनुसार, शर्मा न्यायाधिकरण की अध्यक्षता करेंगे और इन संगठनों को गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण है या नहीं, यह तय करेंगे। गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने 28 सितंबर को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पीएफआई और उसके आठ सहयोगियों को पांच साल के लिए बैन कर दिया था।
जानकारी के अनुसार दिल्ली उच्च न्यायालय के कुछ न्यायाधीश इससे पहले सिमी, लिट्टे और भारत के पूर्वोत्तर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध से निपटने वाले यूएपीए न्यायाधिकरणों की अध्यक्षता कर चुके हैं।
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