नई दिल्ली: देश के सैन्य मुख्यालय के गलियारों में इस बात की अटकलों का दौर चल रहा है कि अगला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) कौन होगा। हालांकि, रक्षा मंत्रालय जल्दबाजी में नहीं दिखाई देता है। यह वजह है कि दूसरे सीडीएस की नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के चयन को प्राथमिकता दी जा रही है।
रक्षा मंत्रालय ने पिछले सप्ताह 1 जनवरी, 2020 से तीनों सेनाओं के सभी सैन्य प्रमुखों और कमांडर-इन-चीफ के पर्सनल प्रोफाइल की मांग की। दरअसल, मंत्रालय डेटा बैंक को अपग्रेड करना चाहता है। इस मांग के बाद से नए CDS की नियुक्ति को लेकर चर्चा गरम है। नया सीडीएस जनरल बिपिन रावत का स्थान लेगा, जिनका 8 दिसंबर 2021 को नीलगिरी जिले के कूनोर में IAF हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था।
अगला सीडीएस जब भी नियुक्त होगा, ऐसी संभावना है कि वह भारतीय सेना से होगा। मोदी सरकार सभी पृष्ठभूमि की जांच करेगी ताकि अगला सीडीएस जनरल रावत का एक सक्षम उत्तराधिकारी हो और सेना को बदलने में विश्वास रखता हो। सरकार स्पष्ट है कि अगले सीडीएस के पास सशस्त्र बलों के भीतर तालमेल बिठाने का दबदबा होना चाहिए।
सेना के भीतर समस्या यह है कि कोई भी प्रमुख नहीं चाहता है कि प्रस्तावित थिएटर कमांडरों के पक्ष में अपनी जबरदस्त शक्तियों को कम किया जाए और भारतीय सेना को अधिक प्रतिक्रियाशील और शक्तिशाली बनाने के लिए विभिन्न थिएटर कमांडों के बीच अपनी सैन्य संपत्ति का विभाजन किया जाए। अगर जनरल रावत जीवित होते तो वो आजादी के 75वें वर्ष में थिएटर कमांड की घोषणा करने की स्थिति में होते। साथ ही उनके पास इनके संचालन की सभी योजनाएं मौजूद थीं।
सेवानिवृत्त प्रमुख या रिटायर्ड सी-इन-सी को सीडीएस के रूप में नियुक्त करने के बजाय सरकार इतंजार करना पसंद करेगी। केवल तभी नियुक्त की जाएगी जब ऐसे तीन या चार सितारा अधिकारी की पहचान करने में सक्षम हो जो उत्तरी और पश्चिमी दोनों मौर्चों पर सैन्य दबाव का सामना कर सके।
साभार: हिंदुस्तान