नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना ने जनरल बिपिन रावत की मौत की पुष्टि कर दी है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का निधन हो गया है. तमिलनाडु के कन्नूर में वायुसेना के हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद उन्हें घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने जिंदगी को अलविदा कह दिया. उनके साथ विमान में पत्नी और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों समेत 14 लोग सवार थे. यह विमान सूलूर से वेलिंगटन के लिए उड़ा था और कुछ देर बाद क्रैश हो गया. सीडीएस रावत पत्नी समेत दिल्ली से एम्ब्रेयर विमान से सुलूर पहुंचे थे और फिर सुलूर से Mi17V5 से वेलिंगटन जा रहे थे. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने शोक जताया है.
उत्तराखंड के पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत दिल्ली में सीडीएस जनरल बिपिन रावत के घर पहुंचे हैं. बता दें कि बिपिन रावत का उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से नाता है. उनका परिवार पीढ़ियों से देश की सेना में अपनी सेवाएं देते आया है. उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी लेफ्टिनेंट जनरल रह चुके हैं. पता हो कि बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया है जिसमें सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 14 लोग सवार थे. हादसे में 13 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है.
ऐसा रहा सीडीएस बिपिन रावत का सफर
जनरल रावत आर्मी चीफ से 31 दिसंबर 2019 को रिटायर होने के बाद देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बने थे. वह 31 दिसंबर 2016 को आर्मी चीफ बनाए गए थे. उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले जनरल रावत को पूर्वी सेक्टर में LoC, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में काम करने का लंबा अनुभव था. अशांत इलाकों में काम करने के अनुभव को देखते हुए मोदी सरकार ने दिसंबर 2016 में जनरल रावत को दो वरिष्ठ अफसरों पर तरजीह देते हुए आर्मी चीफ बनाया था.
भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया था. हमले में कई आतंकी भी मारे गए थे. उरी में सेना के कैंप और पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले में कई जवान शहीद हो जाने के बाद सेना ने यह कार्रवाई की थी. जनरल रावत के नेतृत्व में भारतीय सेना ने देश की सीमा के पार जाकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर कई आतंकियों को ढेर किया.
पीएम मोदी ने किया था चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद के गठन का ऐलान
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद बनाए जाने की घोषणा पीएम मोदी ने लाल किले पर दिए 15 अगस्त के भाषण से की थी. बिपिन रावत को यूआईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम के साथ वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया है. उन्हें दो मौके पर सीओएएस कमेंडेशन और आर्मी कमेंडेशन भी दिया गया.
संयुक्त राष्ट्र की सेवा करते हुए बिपिन रावत को दो बार फोर्स कमांडर के कमेंडेशन से सम्मानित किया गया. उन्होंने पूर्वी सेक्टर में चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ एक इन्फैन्ट्री बटालियन की कमान संभाली थी. वह एक राष्ट्रीय रायफल्स सेक्टर, कश्मीर घाटी में एक इन्फ्रैंट्री डिवीजन और उत्तर पूर्व में एक कोर का नेतृत्व कर चुके हैं.
पीढ़ियों ने सेना में दी सेवा
जनरल रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में सेवाएं दे रहा है. उनके पिता सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत 1988 में उप सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए.
जनरल रावत की उपलब्धियां
-1978 में सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स की पांचवी बटालियन में कमीशन मिला था.
-भारतीय सैन्य अकादमी में उन्हें सोर्ड ऑफ ऑनर मिला.
-1986 में चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफैंट्री बटालियन के प्रमुख थे.
-जनरल रावत ने राष्ट्रीय राइफल्स के एक सेक्टर और कश्मीर घाटी में 19 इन्फैन्ट्री डिवीजन की अगुआई भी की.
-बिपिन रावत ने कॉन्गो में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का नेतृत्व भी किया.
-एक सितंबर 2016 को उप सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली थी.