कैथल। कैथल शहर के गांव फ्रांसवाला रोड स्थित एक प्रापर्टी में चंडीगढ़ से सीबीआइ की टीम निरीक्षण के लिए आई। मौके पर पहुंच कर अधिकारियों ने पाया कि जिस राइस मिल के नाम से टीम सर्च वारंट लेकर आई है, उस नाम से मौके पर कोई संपत्ति नहीं है। संबंधित राइस मिल को पंजाब नेशनल बैंक जींद पहले ही बेच चुका था और अब इस प्रापर्टी के पांच नए मालिक हैं। इनके पास मौजूदा फर्म और प्रापर्टी के सभी वैध दस्तावेज सीबीआई की टीम ने चेक किए। इसके बाद टीम निरीक्षण का पत्र बनाकर बिना निरीक्षण किए ही वापस लौट गई। शहर में इस निरीक्षण को लेकर चर्चा रहा। पंचकूला की सीबीआइ मामलों की विशेष अदालत ने 18 सितंबर को एक सर्च वारंट जारी किया था, जिसके अनुसार कैथल में फ्रांसवाला रोड स्थित आरएन राइस मिल में निरीक्षण किया जाना था। इसके लिए एक टीम तैयार की गई।
जिसमें सीबीआइ एससीबी के इंस्पेक्टर गुरतार सिंह, राजेश कुमार, एएसआइ भिंडर सिंह और कलूरी सिद्दई शामिल थे। टीम सुबह ही राइस मिल के दिए गए पते पर पहुंची तो वहां किसी दूसरी फर्म का साइन बोर्ड लगा मिला। सुरक्षा गार्ड ने टीम के कहने पर वहां मौजूद मुंशी को बुलाया। मुंशी ने फर्म के मालिक को फोन करके टीम के आने की सूचना दी, जोकि शहर के सेक्टर-20 में रहते हैं। थोड़ी ही देर में वह अपने व्यावसायिक परिसर में पहुंच गए। सीबीआइ की टीम ने उनसे संबंधित राइस मिल के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि इस जगह पर बहुत पहले कभी आरएन राइस मिल हुआ करता था। जींद के रानी तालाब स्थित पंजाब नेशनल बैंक ने राइस मिल को बेच दिया था, जिसे उन्होंने खरीद लिया है। इस संपत्ति में वह पांच हिस्सेदार हैं। सभी के नाम उन्होंने सीबीआइ की टीम को बताए। उन्होंने अपनी नई फर्म के दस्तावेज भी टीम को दिखाए, जिसके बाद टीम ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट में लिखा गया कि मौके पर उस आरएन राइस मिल नाम की कोई संपत्ति नहीं मिली, जिसके नाम से सर्च वारंट जारी किया गया था। इसके लिए कोई सर्च अभियान नहीं चलाया जा रहा।