CBI जज और वकील को मिली धमकी, राम रहीम बोले- मेरा लेना-देना नहीं, हो सीबीआई जांच

डेरामुखी गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रणजीत सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे।

Update: 2021-10-18 18:38 GMT

डेरामुखी गुरमीत राम रहीम के खिलाफ रणजीत सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे. सीबीआई की विशेष अदालत के जज डॉ. सुशील गर्ग और सीबीआई के वकीलों को एक चिट्ठी लिखकर धमकी दी गई है। सीबीआई कोर्ट के जज ने राम रहीम के केस की सुनवाई के दौरान यह बात बताई।

उन्होंने कहा कि चिट्ठी लिखने वाले ने अपना नाम डॉ. मोहित गुप्ता और अपना पता डेरे का लिखा है। जज ने बस इतना ही कहा कि चिट्ठी में आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि धमकी दी जा रही है। जज सुशील गर्ग ने राम रहीम से कहा, मुझे चिट्ठी लिखी गई है। किसी डॉ. मोहित गुप्ता ने चिट्ठी लिखकर धमकी दी है। क्या लिखा गया है, यह बात मैं नहीं बता सकता हूं। वरिष्ठ वकील केपी सिंह ने बताया कि इससे पहले भी कोर्ट को एक चिट्ठी लिखी गई थी लेकिन उसमें कोई आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया गया था।
चिट्ठी की सीबीआई जांच हो: राम रहीम
सीबीआई कोर्ट में सुनवाई के दौरान गुरमीत राम रहीम ने जज से कहा कि उसका मोहित गुप्ता से कोई लेना-देना नहीं है। पहले भी उसने ऐसा किया था। तब हाईकोर्ट ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था। मैं निवेदन करता हूं कि इस चिट्ठी की सीबीआई जांच कराई जाए। राम रहीम की मांग का सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा और डिफेंस के वकील अजय बर्मन ने भी समर्थन किया। हालांकि जज ने इस बारे में कोई सिफारिश नहीं की है।
जज ने कहा- सामाजिक कार्य का अपराध से कोई सरोकार नहीं
सीबीआई जज डॉ सुशील गर्ग ने डेरामुखी के सामाजिक कार्य के आधार पर सजा में रियायत बरतने की मांग पर टिप्पणी की कि सामाजिक कार्य का अपराध से कोई सरोकार नहीं है। आपने धर्म का कार्य किया यह बहुत अच्छी बात है लेकिन जो अपराध किया उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आप ने रणजीत सिंह की हत्या की है। ये साक्ष्यों के आधार पर साबित हो चुका है। सामाजिक कार्यों के मद्देनजर सजा में नरमी नहीं बरती जा सकती है। इसलिए अर्जी को खारिज किया जा रहा है और उम्रकैद की सजा सुनाई जाती है। इसके साथ ही 31 लाख का जुर्माना भी लगाया जा रहा है। इस जुर्माना राशि का आधा हिस्सा पीड़ित परिवार को मिलेगा।
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