नई दिल्ली (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को वीडियोकॉन ग्रुप के एमडी वी.एन. धूत, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति व व्यवसायी दीपक कोचर से लोन फ्रॉड मामले में एक साथ पूछताछ की। तीनों वर्तमान में तीन दिनों के लिए सीबीआई की हिरासत में हैं, और मामले में नए खुलासे के लिए उनसे एक साथ पूछताछ की गई।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि तीनों से एक ही तरह के सवाल पूछे गए। जिनमें से कुछ सवालों पर वे टालमटोल कर रहे थे। उन्होंने पूछताछ की कार्रवाई में सहयोग नहीं किया।
26 अगस्त, 2009 को, चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली तत्कालीन आईसीआईसीआई बैंक स्वीकृति समिति ने बैंक के नियमों और नीतियों का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) को 300 करोड़ रुपये का टर्म लोन मंजूर किया, जिसमें सह-आरोपी व्यक्तियों के साथ बेईमानी से लोक सेवक के रूप में उसकी आधिकारिक स्थिति का दुरुपयोग करके आपराधिक साजिश रची गई।
लोन 7 सितंबर, 2009 को वितरित किया गया था और अगली तारीख 8 सितंबर, 2009 को, धूत ने अपनी कंपनी सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड से दीपक कोचर द्वारा प्रबंधित एनआरएल को 64 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए।
सीबीआई को पता चला है कि चंदा कोचर वीडियोकॉन ग्रुप के लोन प्रस्ताव की अवधि के दौरान एक फ्लैट में रह रही थी, जबकि फ्लैट वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड और दीपक कोचर के बीच कब्जे के लिए मुकदमेबाजी के तहत था। इसके बाद, फ्लैट (1996 में 5.25 करोड़ रुपये की कीमत) को 2016 में 11 लाख रुपये की मामूली राशि पर दीपक कोचर के पारिवारिक ट्रस्ट क्वालिटी एडवाइजर को हस्तांतरित कर दिया गया।