नौसेना में बनने वाले उपकरणों की जानकारी लीक करने के मामले में CBI ने 6 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र किये दाखिल

नौसेना में बनने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों की गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में सीबीआई ने आज (मंगलवार) 6 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए

Update: 2021-11-02 17:39 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।  Navy submarine confidential information leaked case: नौसेना में बनने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों की गोपनीय जानकारी लीक करने के मामले में सीबीआई ने आज (मंगलवार) 6 लोगों के खिलाफ दो अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए हैं. इनमें नौसेना का एक सर्विग कमांडर भी शामिल है. इनमें से दो पूर्व नौसेना अधिकारियों के यहां हुई छापेमारी में सीबीआई को सवा दो करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम बरामद हुई थी.

नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप-
सीबीआई के एक आला अधिकारी के मुताबिक, जांच और खुफिया एजेंसियों को सूचना मिली थी कि नौसेना में बनने वाले महत्वपूर्ण उपकरणों से संबंधित जानकारियां लीक आउट की जा रही हैं. सूचना के आधार पर जब जांच और खुफिया एजेंसियों ने इस की तहकीकात शुरू की तो पता चला कि नौसेना में बनने वाली ए क्लास सबमरीन समेत कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के कागज कुछ नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी वर्तमान में नौसेना के अंदर काम कर रहे कुछ लोगों की मदद से निकाल रहे हैं.
गोपनीय दस्तावेजों के बदले दी जा रही थी रिश्वत-
सूचना के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने इस मामले में नौसेना के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया. इनके नाम कमांडर एसजे सिंह और कमोडोर रणदीप सिंह बताए गए. आरोप है कि इनमें रणदीप सिंह, कमांडर एसजे सिंह को कथित गोपनीय दस्तावेजों के बदले 2 लाख की कथित रिश्वत दे रहा था. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, जब मामले की जांच आगे बढ़ी तो इस मामले में हैदराबाद की एक कंपनी और उसके तीन निदेशकों टीपी शास्त्री, एनवी राव और के चंद्रशेखर के नाम सामने आए.
सभी लोग हुए गिरफ्तार-
आरोप है कि यह लोग नौसेना में तैनात एक कमांडर एके पांडे की मिलीभगत से महत्वपूर्ण दस्तावेज लीक आउट कर रहे थे. सूचना के आधार पर सीबीआई ने इन सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया और मंगलवार को इस मामले में दो अलग-अलग आरोप पत्र दाखिल किए गए.सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इनमें पहला आरोपपत्र कमांडर एसजे सिंह और कमोडोर रणदीप सिंह द्वारा आपस में दी जा रही रिश्वत की बाबत है. जबकि दूसरा आरोपपत्र इन दोनों को मिलाकर अन्य चार लोगों के खिलाफ है. मामले की जांच अभी जारी है. सीबीआई को शक है कि इस मामले में नौसेना के कुछ और अधिकारी, कर्मचारी शामिल हो सकते हैं जिन पर जल्द ही सीबीआई का शिकंजा कस सकता है.


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