BJP नेता की मौत का मामला, फरार चल रहे 2 आरोपियों को सीबीआई ने किया गिरफ्तार
कोलकाता। कोलकाता के बेलियाघाटा में BJP नेता अभिजीत सरकार की मौत मामले (Murder Case) में सीबीआई (CBI) ने दो फरार लोगों को गिरफ्तार किया. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा में कोलकाता के सिताला ताला लेन निवासी बीजेपी नेता अभिजीत सरकार की मौत हो गई थी. पकड़े गए दोनों आरोपी इसी मामले में आरोपी थे. सीबीआई के मुताबिक, दोनों आरोपियों की पहचान राहुल दे और सौरव दे के रूप में हुई है. सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी एक मामले में 12 भगोड़ों में शामिल थे, जिसमें पुलिस ने चुनाव से संबंधित हिंसा के 20 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था. सीबीआई ने कहा कि पिछले साल कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा 19 अगस्त को जारी आदेश के बाद 25 अगस्त को मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी.
बता दें कि सीबीआई इसके पहले अभिजीत सरकार की हत्या के मामले में लापता आरोपी व्यक्तियों की जानकारी देने वाले को 50,000 रुपये का नकद ईनाम देने की घोषणा की थी. बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के दिन यानी 2 मई को उसकी हत्या कर दी गयी थी, लेकिन सीबीआई अभी तक इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. 19 अगस्त, 2021 को, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर, कोलकाता उच्च न्यायालय ने राज्य में चुनाव के बाद की हिंसा के दौरान बलात्कार और हत्या के मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सीबीआई के अनुसार, मामले में आरोपी व्यक्ति कोलकाता के रहने वाले अमित दास उर्फ केटो, कोलकाता के सीतालताला लेन के रहने वाले तुंपा दास उर्फ काली, अरूप दास उर्फ बापी, संजय बारिक और पापिया बारिक हैं.हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि राज्य में चुनाव के बाद हिंसा की कोई घटना नहीं हुई थी, लेकिन एनएचआरसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के बाद बलात्कार और हत्या के कई मामले सामने आए.
सरकार के परिवार ने लगातार आरोप लगाया था कि कोलकाता पुलिस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है और हत्या के लिए जिम्मेदार 'तृणमूल गुंडों' को गिरफ्तार नहीं कर रही है, जो न केवल खुला घूम रहे हैं, बल्कि परिवार के सदस्यों को धमकी भी दे रहे हैं. पीड़िता के बड़े भाई बिस्वजीत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में सरकार की मौत की जांच के लिए याचिकाएं दायर की हैं. सरकार की कथित तौर पर एक टेलीविजन केबल से गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. वह एकमात्र बीजेपी कार्यकर्ता थे, जिनकी राज्य की राजधानी में चुनाव के बाद हुई हिंसा में मौत हो गई थी.