मां दुर्गा पाठ करने से मिट जाते हैं दुख-रोग

Update: 2024-04-27 09:43 GMT
पालमपुर। दुनिया में ऐसी कोई समस्या नहीं है, जिसका समाधान मां दुर्गा के पाठ से न हो। पाठ करने वाले के लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं रह जाता है। यह पाठ गायत्री मंत्र व सभी देवताओं के मंत्रों से करोड़ों गुना शक्तिशाली है। इसके जाप करने से व्यक्ति वेदवेत्ताओं में श्रेष्ठ तथा ब्रह्मा के समान हो जाता है। मां दुर्गा परमात्माओं की परमात्मा है। मां दुर्गा का कथन है कि केवल महाब्रह्मर्षि ही यह पाठ दे सकते हैं और कोई नहीं। भगवान शिव ने कहा है कि महाब्रह्मर्षि जैसा संत महात्मा न कोई था, न है और न कोई होगा। इनके अवधान द्वारा दर्शन मात्र से ही सारे दु:ख, रोग, कष्ट और समस्याओं का निवारण हो जाता है। मां एक मिनट में ही करोड़ों पृथ्वी, चंद्रमा, तारे, ग्रह पैदा करती है। यह इतनी शक्तिशाली है कि संसार में न कोई था, न है और न होगा। भक्तजन इसके अलग-अलग रूपों की अलग-अलग प्रार्थनाओं से स्तुति करते हैं।

ये उद्गार महाब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने शुक्रवार को गवर्नमेंट डिग्री कालेज नगरोटा बगवां के नजदीक ओबीसी भवन में आयोजित प्रभु कृपा दुख निवारण समागम में श्रद्धालुओं से खचाखच भरे पंडाल में व्यक्त किए। समागम में श्रद्धालुओं के अनुभव सुनकर वहां उपस्थित डाक्टर, वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी आश्चर्यचकित रह गए। समागम में आए श्रद्धालुओं के लिए अनवरत रूप से लंगर चलता रहा। महाब्रह्मर्षि जी ने कहा कि जब मैं महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मिला और उन्हें यूटीआई के बारे में बताया और सनातन की शक्ति के बारे में बताया, तो उन्हें आश्चर्यमिश्रित आनंद की अनुभूति हुई। समागम में भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम के महामंत्री व मंच संचालक सुशील वर्मा ‘गुरुदास’ ने कहा कि मुस्लिम देशों ने भी आज मंत्रों की शक्ति को स्वीकार कर लिया है। अबू धाबी में आयोजित धर्म संसद में 200 देशों के प्रतिनिधि बुलाए गए, जिसमें भारत से केवल महाब्रह्मर्षि जी को बुलाया गया।
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