Market. मंडी। रविवार के दिन अधिकतर बसें ना चलने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं सबसे ज्यादा परेशानियां ग्रामीण इलाकों के यात्रियों को भुगतनी पड़ती है। जहां उन्हें कई किलोमीटर पैदल चलकर या फिर टैक्सी करके आना जाना पड़ता है। घंटों बस स्टॉप पर बस का इंतजार करने बाद पता चलता है कि आज बस निर्धारित रुट पर आनी ही नहीं है। बात चाहे सरकारी बस की हो या निजी बस की। रविवार के दिन कुछ निजी बस ऑपरेटर निर्धारित रुट्स पर दो चक्कर लगाने के बजाए एक ही टाईम चलते हैं। जिसके चलते लोग परेशान हो रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि प्राइवेट बसें अधिक परेशानियां खड़ी कर देती हैं, जो बिना किसी पूर्व सूचना के रूट पर सेवाएं बंद कर देते हैं। जहां रविवार को छुट्टी होने के कारण प्राइवेट बसें कम चलती हैं वहीं सरकारी बसों के भी कुछ रूट बंद रहते हैं।
रविवार के दिन उन रूटों को बंद किया जाता है, जिनमें अधिकांश स्कू ल और कॉलेज के बच्चे सफर करते हैं, क्योकि छुट्टी के दिन इन बसों को चलाकर तेल का भी खर्च नहीं निकल पाता है। परंतु इस बीच सबसे ज्यादा परेशानियां तो तब खड़ी हो जाती हैं जब कोई प्रतियोगी परीक्षा होती है। क्योकि अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं रविवार को ही आयोजित की जाती है। इस दौरान बसों का ना चलना लोगों के लिए परेशानी बन जाता है और कई बार तो वर्षों क ी मेहनत पर पानी फिर जाता है। यात्रियों का कहना है कि रविवार के दिन बसें ना चलने से दिक्कतें पेश आती है। वहीं निजी बसों के रूट होने के बावजूद भी यह बसें रविवार को नहीं चलाई जाती है। एचआरटीसी के मंडी डिपो की बात करें तो 157 रूटों पर 149 बसें चलती है। जिनमें 213 सर्विस मंडी डिप्पो द्वारा दी जाती है। आरएम मंडी अखिल अग्रिहोत्री का कहना है कि सरकारी बसों के सभी रूट सुचारू रूप से चलाए जा रहे हैं। रविवार को केवल कॉलेज और स्कूल टाइम पर चलने वाले रूट बंद किए जाते हैं। जिसकी पूर्व सूचना यात्रियों को रहती है।