Bundi : गेंहू में जड़ माहू कीट से बचाव के उपाय

बून्दी । कृषि विभाग द्वारा गेंहूं की फसल में लगने वाले जड़ माहू कीट बचाव के उपाय किसानों को सुझाए गए है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को जानकारी दी गई है कि मौसम की प्रतिकूलता के कारण गेंहूं की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप होने की संभावना मौसम की प्रतिकूलता के दौरान हो …

Update: 2023-12-28 08:28 GMT

बून्दी । कृषि विभाग द्वारा गेंहूं की फसल में लगने वाले जड़ माहू कीट बचाव के उपाय किसानों को सुझाए गए है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को जानकारी दी गई है कि मौसम की प्रतिकूलता के कारण गेंहूं की फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप होने की संभावना मौसम की प्रतिकूलता के दौरान हो सकती है। उन्होंने किसानों से अपील की अपने अपने खेत की सतत् निगरानी करें।
जड़ माहू प्रकोप के लक्षण संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार जिला परिषद महेश कुमार शर्मा ने बताया कि यह बीट गेंहूं फसल में पौधों की जड़ों से रस चूसता है जिसके कारण पौधा पीला पड़ने लगता है और धीरे धीरे सूखने लगता है। शुरूआत में खेतों में जगह जगह पीले पड़े हुए पौधे दिखाई देते है, बाद में पूरा खेत सूखने की संभावना रहती है।
जड़ माहू कीट की पहचान

यह कीट हल्के पीले रंग से गहरे हरे रंग का होता है जो जड़ों का रस चूसता हुआ दिखाई पड़ता है। गेंहूं के पौधों को जड़ से उखाड़ने पर ध्यानपूर्वक देखने से यह कीट आसानी से दिखाई देता है। जड़ माहू कीट प्रबंधन इस कीट के प्रबंधन हेतु क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी. 1 से 2 लीटर प्रति हेक्टेयर या फिप्रोनिल 0.3 प्रतिशत जीआर 15-20 किलोग्राम हेक्टेयर यूरिया या बालू मिट्टी में मिलाकर सिंचाई से पूर्व खेत में दी जाए। या इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 200-250 एमएल हैक्टेयर या थायोमिथाक्जॉम 25 प्रतिशत डब्ल्यूजी 100 ग्राम हैक्टेयर या क्लोरोपायरिफोस 20 प्रतिशत ईसी 1 से 2 लीटर प्रति हैक्टेयर पानी में घोल बनाकर पूरे खेत में अच्छी तरह से छिड़काव करें। यह दवाएं सिस्टेमिक प्रकार की होती है जिनसे पूरा पौधा जहरीला हो जाता है और जब कीट रस चूसता है तो वह मर जाता है।

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