
Una. ऊना। प्रदेश का कृषि प्रधान जिला ऊना करोड़ों-अरबों रुपयों के खेती के कारोबार करने को लेकर तो पूरे राज्य में अव्वल है, लेकिन सुविधाओं की बात करें तो कृषि विभाग ही विस्थापित जीवन जी रहा है। कृषि भवन ऊना के जर्जर होने से अधिकारियों को किराए के भवनों में कार्यालय चलाने पड़ रहे हैं। विभाग ने बीते वर्ष मई-जून माह में कार्यालय शिफ्ट करने के बाद निदेशालय को भवन डिस्मेंटल की स्वीकृति के लिए फाइल भेजी थी। अभी तक भवन को डिस्मेंटल करने के लिए कोई भी निर्देश नहीं दिए गए हैं और फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया। कृषि भवन ऊना का निर्माण 1990 से पहले का बनाया गया था और वर्तमान में पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है।
परंतु पौने एक वर्ष पहले कृषि भवन ऊना की दयनीय हालत के चलते इसे खाली कर दिया गया और कृषि उपनिदेशक कार्यालय ऊना को सब्जी मंडी ऊना में, उपमंडलीय भू-सरंक्षण कार्यालय को बचत भवन ऊना में, आत्मा प्रोजेक्ट के कार्यालय को पुराने डीसी ऑफिस में और मृदा प्रशिक्षण लैब को विभाग के बीज गुणन एवं प्रदर्शनी फार्म पेखूबेला में शिफ्ट किया गया है। बता दें कि कृषि विभाग अपने कार्यालयों को किराए के भवनों में चलाने के लिए अब तक कई लाख रुपयों का भुगतान कर चुका है। इसमें सब्जी मंडी ऊना में कृषि उपनिदेशक कार्यालय के 15000 रुपए, बचत भवन ऊना में उपमंडलीय भू-संरक्षण कार्यालय के करीब 22 हजार रुपए और पुराने डीसी ऑफिस में आत्मा प्रोजेक्ट के कार्यालय का करीब 21 हजार रुपए का किराया है, जो कुल मिलाकर 58 हजार बनता है। पिछले 10 से 11 माह में कृषि विभाग करीब 6 लाख रुपए किराए के रूप में भुगतान किया जा चुका है।