ड्रोन और सीमा पार सुरंगों का पता लगाने के लिए बीएसएफ ने भारतीय कंपनियों की मदद से लॉन्च किया प्रोग्राम
ड्रोन और सीमा पार सुरंगों से खतरों के मद्देनजर बीएसएफ ने शुक्रवार को इन सीमा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए 500 भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर नई पहल की है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ड्रोन और सीमा पार सुरंगों से खतरों के मद्देनजर बीएसएफ ने शुक्रवार को इन सीमा सुरक्षा चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए 500 भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर नई पहल की है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से बीएसएफ ने शुक्रवार को भारतीय कंपनियों की मदद से ड्रोन और सुरंगों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए बीएसएफ हाई-टेक अंडरटेकिंग फॉर मैक्सिमाइज़िंग इनोवेशन (BHUMI) को लॉन्च किया. बीएसएफ ने कहा कि ये पहल आत्मनिर्भर भारत मिशन का हिस्सा है.
इस पहल की शुरुआत बीएसएफ मुख्यालय में बल महानिदेशक राकेश अस्थाना और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी द्वारा आयोजित एक समारोह में की गई. बीएसएफ ने एक बयान में कहा कि बीएसएफ वर्तमान में जिन मुख्य चुनौतियों का सामना कर रही है उनमें से एक पश्चिमी सीमाओं के साथ सीमा पार भूमिगत सुरंगों का पता लगाना है जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर प्रभाव डालती हैं.
एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी जरूरी
साथ ही कहा कि अब समय आ गया है कि नई तकनीकी समाधानों के साथ सीमा पार भूमिगत सुरंगों के इस मुद्दे को हल करने के लिए ठोस प्रयास किए जाएं. इसके अलावा नार्को-आतंकवाद और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर हमलों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन के खतरे को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी डेवलप करने की भी तत्काल आवश्यकता है.
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले में दो जवान हुए थे घायल
कुछ दिन पहले ही जम्मू में भारतीय वायुसेना के अड्डे पर दो ड्रोनों ने दो अलग-अलग आईईडी गिराए और एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचाया. इस हमले में वायुसेना के दो जवान घायल हो गए. इस हमले को ड्रोन के जरिए भारत पर अब तक का पहला आतंकी हमला बताया जा रहा है. इससे पहले बीएसएफ ने जम्मू में ड्रोन द्वारा गिराए गए हथियारों और गोला-बारूद का पता लगाया है. पिछले साल एक ऐसे ही ड्रोन को भी मार गिराया था.