बीएसएफ के जवान बने देवदूत, 4 ग्रामीणों की ऐसे बचाई जान

Update: 2021-08-13 11:11 GMT

अंतरराष्ट्रीय सीमा की आन-बान और शान को बनाए रखने के लिए बीएसएफ हमेशा अपना अतुल्य योगदान देती आ रही है. जीवन की सुख सुविधाओं से दूर सीमावर्ती इलाकों में ग्रामीणों के साथ उनके सुख दुख में बीएसएफ ने हमेशा से ही एक अनूठा रिश्ता भी कायम करके रखा है.

इसी का प्रमाण दे रही है मुर्शिदाबाद जिले के सीमावर्ती इलाके में तैनात बीएसएफ की 86 वीं वाहिनी जो अपने इलाके में किसी देवदूत से कम नहीं है क्योंकि बटालियन के जवानों ने लगातार ग्रामीणों की मदद में एक माह के अंदर ही 4 ग्रामीणों को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई है. पश्चिम बंगाल के इस इलाके में बारिश के बाद से ही सांपों ने कहर बरपा रखा है.
मुर्शिदाबाद जिले के शिकारपुर गांव में 12 अगस्त, 2021 सुबह 10:50 बजे, जब जयदेव मंडल, 45 वर्षीय युवक घर पर काम कर रहा था उसे एक जहरीले सांप ने काट लिया. बॉर्डर आउट पोस्ट शिकारपुर के कंपनी कमांडर को जब इस घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने बिना देर किए एक नर्सिंग सहायक के साथ बीएसएफ एम्बुलेंस को जयदेव मंडल के घर भेज दिया और उसे इलाज के लिए करीमपुर अस्पताल में भर्ती कराया. मरीज की हालत ठीक बताई जा रही है.
जयदेव मंडल के पिता नरू मंडल ने सीमा सुरक्षा बल के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अगर बीएसएफ ने सही समय पर मदद नहीं की होती तो सांप का जहर जयदेव मंडल के पूरे शरीर में फैल जाता और उसकी मौत भी हो सकती थी.
86 बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर सुरेंद्र कुमार ने कहा, ''हमारे जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हैं. किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में बीएसएफ के जवान लोगो के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है. बोर्डर पर ग्रामीणों को सांपो के प्रकोप से बचने के लिए लगातार जागरूक भी किया जा रहा है.''

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