भाई ने भाई को जिंदा जलाया, लाश को देख पुलिस भी हुई हैरान

6 दिन में मामलें में किया बड़ा खुलासा

Update: 2024-03-24 13:01 GMT
कानपुर। कानपुर में करोड़ों की प्रॉपर्टी, पैसा और खुन्नस की वजह से मौसेरे भाइयों को जिंदा फूंका गया था। शातिर ने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए 20 लीटर पेट्रोल, 7 किलो गैस इस्तेमाल किया था। पुलिस की जांच-पड़ताल में कई अहम साक्ष्य मिले हैं। इसके बाद पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया। रविवार को दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। मामला कसिगवां क्षेत्र का है। DCP साउथ रवींद्र कुमार ने आज यानी 24 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कसिगवां में रहने वाले सुनील उर्फ अनिल (22) और उसके मौसेरे भाई राज उर्फ छोटू (20) की 19 मार्च की देर रात जिंदा जलकर मौत हो गई थी। मृतक राज के पिता प्रेम कुमार उर्फ बबलू ने मृतक अनिल के चचेरे भाई विनोद सिंह समेत दो लोगों हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने संदेह के आधार पर विनोद सिंह उर्फ प्रमोद कुमार और बदलू प्रसाद को हिरासत में लिया।
पांच दिन तक पुलिस हिरासत में शातिर टूटे नहीं। लेकिन पुलिस को पुख्ता सबूत मिलने पर दोनों ने रविवार को अपनी जुबान खोल दी। हत्यारोपी विनोद का आग लगाने के दौरान खुद का हाथ और चेहरा थोड़ा-सा झुलस गया था। इसी आधार पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो हत्यारोपी बाप-बेटे टूट गए और हत्याकांड का खुलासा कर दिया। हत्यारोपी विनोद और बदलू प्रसाद ने बताया, सुनील आए दिन झगड़ा करता रहता था। वह आए दिन मारपीट और गाली-गलौज करता था। सुनील के सौतेले पिता के पास से आने के बाद उनकी करोड़ों की संपत्ति पर अधिकार छिन गया था। प्रॉपर्टी के लालच और खुन्नस के चक्कर में पिता ने बेटे के साथ हत्याकांड को अंजाम देने के लिए साजिश रची। दो महीने से दोनों हत्या करने की फिराक में थे, लेकिन मौका नहीं मिल रहा था। 19 मार्च को सुनील ने अपने घर पर बाथरूम की स्लैब डलवाई थी।
सुनील और उसकी मौसी का लड़का राज दोनों थके हुए थे। शराब पीने के बाद दोनों कमरे में पंखा चलाकर सो गए। इसके बाद कमरे में करीब 10 लीटर पेट्रोल छिड़क कर करके आग लगा दी। इसके बाद एक-एक लीटर पेट्रोल भरी पॉलीथिन दोनों पर डाल दी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दोनों को उठने का मौका ही नहीं मिल सका और दोनों अपनी जगह पर ही जिंदा जलकर मर गए। इस दौरान वहां मौजूद दोनों की बाइक में भी आग लगा दी। इसके बाद विनोद और बदलू अपने घर चले गए। आग की लपटें तेज होने और फिर बाइक का टायर फटने से आवाज हुई, तो मोहल्ले के लोगों को घटना के बारे में पता चला। इसके बाद विनोद और बदलू खुद भी नाटकीय ढंग से पहुंचे। फिर दोनों ने पुलिस को सूचना दी।
DCP साउथ रवींद्र कुमार ने बताया, आरोपियों ने हत्या से पहले गोविंदनगर से एक छोटा सिलेंडर खरीदा और उसमें 7 किलो गैस भरवाई थी। आग लगाने से पहले सिलेंडर का रेगुलेटर खोल कर छोड़ दिया था। जिससे हत्या को हादसे का रूप दिया जा सके। इतना ही नहीं, अश्लील सामग्री, सिगरेट समेत अन्य सामान भी वहां रख दिया। जिससे पुलिस की जांच भी घूम जाए। लेकिन पुलिस ने जांच की तो परत-दर-परत सच्चाई सामने आ गई। पूछताछ के दौरान विनोद ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने के लिए वह अपनी बाइक की टंकी दो बार फुल करवाकर लाया था। इसके बाद पेट्रोल को घर में रखे कैन में निकाल लिया था। इस तरह घर में 20 लीटर पेट्रोल जुटा लिया था।
पेट्रोल, गैस सिलेंडर, अश्लील सामग्री के साथ ही माचिस तक कहां से खरीदी पुलिस ने इसका भी ब्योरा जुटा लिया है। हत्यारोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए पुलिस ने एक-एक कड़ी को जोड़कर मजबूत साक्ष्य के साथ आरोपियों की अरेस्टिंग की। मृतक के घर वालों ने बताया, हत्याकांड के बाद पेट्रोल की गंध, दोनों के शव एक ही जगह जमीन पर पड़े थे। इससे साफ था कि आग लगने के बाद मृतक अपनी जगह से हिल भी नहीं सके थे। जबकि आग लगने के बाद सामान्य तौर पर व्यक्ति भागता है। एक आरोपी का हाथ और चेहरा झुलस गया था। करीब 5 करोड़ की प्रॉपर्टी का मृतक सुनील इकलौता वारिस था। इसके साथ ही अन्य कई साक्ष्य थे, लेकिन पुलिस को हत्याकांड का खुलासा करने में 5 दिन लग गए। जब परिवार के लोग सड़क पर उतर कर हंगामा-बवाल किया, तब पुलिस हरकत में आई।
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