BREAKING: एनकाउंटर में ढेर हुआ मुख्तार अंसारी का शूटर

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Update: 2024-08-07 15:22 GMT
Mathura. मथुरा। मथुरा में STF ने पुलिसकर्मी की हत्या के आरोपी बदमाश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। बदमाश का नाम पंकज यादव था। वह मुख्तार और शाहबुद्दीन गैंग का शॉर्प शूटर था। पंकज पर एक लाख का इनाम था। काफी वक्त से फरार था। STF के डिप्टी एसपी धर्मेश शाही ने बताया- एनकाउंटर बुधवार सुबह 4 बजे मथुरा-आगरा हाइवे पर फरहा थाना क्षेत्र में हुआ। मुखबिर से सूचना मिली थी कि पंकज अपने एक साथी के साथ बाइक से आगरा की तरफ जा रहा है। STF ने घेराबंदी की तो वह गांव की तरफ भागने लगा और फायरिंग शुरू कर दी। एसटीएफ ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें पकंज को तीन गोलियां लगीं। एक गोली उसके पैर में, दूसरी कमर पर और तीसरी गोली सिर पर लगी है। वहीं, उसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा। उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार
दबिश
दी जा रही है।

पंकज को जिला अस्पताल लाया गया। यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 34 साल के पंकज के पास से एक पिस्टल, रिवॉल्वर, कारतूस और बाइक बरामद की गई है। पंकज मऊ में ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह और उसके पुलिस सुरक्षाकर्मी की हत्या का मुख्य आरोपी था। उस पर हत्या, लूट, डकैती और रंगदारी समेत 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे। हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए पुलिस और एसटीएफ लंबे समय से दबिश दे रही थी। STF के मुताबिक, पंकज मुख्तार अंसारी और बिहार के माफिया शहाबुद्दीन और अन्य गिरोहों के लिए भाड़े पर हत्या करने वाला कॉन्ट्रैक्ट किलर था। वह मऊ जिले के थाना रानीपुर के गांव तहिरापुर का रहने वाला था। पंकज पर यूपी पुलिस ने एक लाख का इनाम घोषित किया था। 29 अगस्त 2009 को मऊ की शहर कोतवाली इलाके में बदमाशों ने ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ठेकेदार मन्ना सिंह हत्याकांड में 16 गवाह थे। इन गवाहों की एक-एक कर हत्या की जा रही थी। इसके बाद प्रशासन ने उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात किए थे। 19 मार्च 2010 को मन्ना सिंह हत्याकांड में गवाह राम सिंह मौर्य और सुरक्षाकर्मी सतीश सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप मुख्तार अंसारी गैंग पर लगे थे। इस केस में पंकज यादव आरोपी था। घटना के बाद से वह फरार था।
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