ब्रह्मोस मिसाइल टेस्ट फायरिंग के दौरान हुई विफल, टेकऑफ के तुरंत बाद जमीन पर गिरी

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का सोमवार को ओडिशा (Odisha) के तट पर परीक्षण किया गया,

Update: 2021-07-12 18:34 GMT

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सोमवार को ओडिशा (Odisha) के तट पर परीक्षण किया गया, जिसमें यह मिसाइल विफल साबित हुई और टेकऑफ के तुरंत बाद गिर गई. इस टेस्ट में मिसाइल के एक्सटेंडेड रेंज वर्जन का परीक्षण किया जा रहा था, जो 450 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है.

सूत्रों ने बताया, "आज सुबह लॉन्च के तुरंत बाद मिसाइल गिर गई. विफलता के कारणों का विश्लेषण रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और ब्रह्मोस एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन (BrahMos Aerospace Corporation) के वैज्ञानिकों की एक संयुक्त टीम द्वारा किया जाएगा." ब्रह्मोस एक बहुत ही विश्वसनीय मिसाइल है और परीक्षणों के दौरान बहुत कम ही विफल साबित हुई है.
मिसाइल विफल होने की वजह का लगाया जाएगा पता
सूत्रों ने कहा कि ऐसा लगता है कि प्रोपल्शन सिस्टम के साथ दिक्कतों के कारण यह मिसाइल विफल हो गई, हालांकि मिसाइल के विफल होने की सटीक वजह पूर्ण परीक्षण विश्लेषण के बाद ही पता चलेगी. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल पहले 300 किमी से कम के लक्ष्य के लिए किया जाता था, लेकिन अब सुपरसोनिक गति के साथ लंबी दूरी पर हमला करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा
विशेष रूप से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के कई और वर्जन पहले ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूस के NPO Mashinostroeyenia (NPOM) के बीच संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किए गए थे. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल रेंज का नाम दो नदियों, भारत में ब्रह्मपुत्र और रूस में मोस्कवा से लिया गया है.
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