सीमा विवाद: असम सरकार ने वापस ली एडवाइजरी, मिजोरम की यात्रा नहीं करने की दी थी सलाह
असम और मिजोरम अपने सीमा विवाद को बातचीत और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमत हुए हैं।
असम और मिजोरम अपने सीमा विवाद को बातचीत और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमत हुए हैं। दोनों राज्यों के बीच बनी इस सहमति के बाद असम सरकार ने अपने नागरिकों को मिजोरम जाने को लेकर जारी की गई एडवाइजरी को वापस ले लिया है। गुरुवार शाम को असम सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा कि असम और मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधियों की ओर से आज जारी किए गए संयुक्त बयान के बाद 29 जुलाई को जारी की गई ट्रैवेल एडवाइजरी को वापस लिया जाता है।
बता दें कि इस एडवाइजरी में असम सरकार ने अपने राज्य के लोगों को मिजोरम की यात्रा नहीं करने की सलाह दी थी। यह एडवाइजरी असम और मिजोरम के बीच हुई झड़प के बाद जारी की गई थी। वहीं मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने ट्वीट किया असम की सरकार को धन्यवाद, क्योंकि असम सरकार ने पहले जारी की गई ट्रैवेल एडवाइजरों को वापस ले लिया है, जिसमें असम के लोगों को मिजोरम की यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी।
खूनी झड़प में 6 पुलिसकर्मी हो गए थे शहीद
26 जुलाई को सीमा पर झड़प में असम पुलिस के छह कर्मियों और एक आम आदमी के मारे जाने तथा 50 अन्य के घायल होने के स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। असम की बराक घाटी में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 306 पर कई समूहों के आर्थिक नाकेबंदी करने के बाद मिजोरम के लिए आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हुई है, हालांकि असम सरकार ने दावा किया है अभी ऐसी कोई नाकेबंदी नहीं है।
दोनों राज्यों की ओर से जारी किया गया संयुक्त बयान
असम और मिजोरम की ओर से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, 'दोनों राज्यों ने विवादित क्षेत्रों में तटस्थ बलों की तैनाती का स्वागत किया है और वे अपने-अपने वन और पुलिस बलों को गश्त करने, वर्चस्व स्थापित करने, प्रवर्तन के लिए नहीं भेजने को सहमत हुए हैं। साथ ही, हाल के समय में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच जिन स्थानों पर टकराव हुआ था उन इलाकों में बलों की नये सिरे से तैनाती नहीं की जाएगी। इसमें असम में करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिलों तथा मिजोरम के मामित और कोलासिब जिलों में असम-मिजोरम सीमा से लगे सभी इलाके शामिल हैं।