नई दिल्ली (आईएएनएस)| कांग्रेस समेत अन्य कई विपक्षी दलों द्वारा बेरोजगारी और महंगाई के मसले पर आलोचना का सामना कर रही भाजपा ने देश की सबसे बड़ी आबादी 'मध्यम वर्ग' यानी मिडिल क्लास पर बड़ा चुनावी दांव खेल दिया है।
भाजपा एक तरफ जहां देश के मिडिल क्लास को यह याद दिला रही है कि वोट बैंक पॉलिटिक्स के कारण कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की सरकारों ने उन्हें किस तरह से पूरी तरह से नकार दिया था वहीं दूसरी तरफ इस बार के बजट और मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं का हवाला देते हुए यह भी समझाने की कोशिश कर रही है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार उनका कितना ख्याल रख रही है।
दरअसल, आतंकवाद और भ्रष्टाचार से त्रस्त देश के मिडिल क्लास ने 2014 के लोक सभा चुनाव में उपरोक्त दोनों समस्याओं के साथ-साथ हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के एजेंडे को सामने रखते हुए भाजपा की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2019 में इसी मिडिल क्लास ने दोबारा ऐतिहासिक समर्थन देकर मोदी की दोबारा ताजपोशी में अहम भूमिका निभाई थी। इसलिए भाजपा को चुनावी शिकस्त देने की रणनीति बनाने में जुटी कांग्रेस लगातार और जोर-शोर से महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाकर मध्यम वर्ग को लुभाने की कोशिश कर रही है।
विपक्षी दलों की इसी रणनीति को काटने के लिए भाजपा ने मध्यम वर्ग (मिडिल क्लास) पर बड़ा चुनावी दांव खेला है। एक फरवरी को संसद में पेश किए गए देश के आम बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास के लिए कई अहम घोषणाएं की। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट पर बयान जारी कर इन विशेषताओं को उभारने का प्रयास किया।
प्रधानमंत्री ने बजट को गांव-गरीबों और किसानों के साथ-साथ मध्यम वर्ग के सपनों को पूरा करने में सहायक बताते हुए कहा कि बहुत तेजी से बदलते भारत में विकास हो या व्यवस्था, साहस हो या संकल्प लेने का सामथ्र्य, जीवन के हर क्षेत्र में आज भारत का मध्यम वर्ग एक प्रमुख धारा बना हुआ है। समृद्ध और विकसित भारत के सपनों को पूरा करने के लिए मध्यम वर्ग एक बहुत बड़ी ताकत है।
जैसे भारत की युवा शक्ति, भारत का विशेष सामथ्र्य है, वैसे ही बढ़ता हुआ भारत का मध्यम वर्ग भी एक बहुत बड़ी शक्ति है। मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने के लिए उनकी सरकार ने बीते वर्षों में अनेकों निर्णय लिए और ईज ऑफ लिविंग को सुनिश्चित किया है। उन्होंने टैक्स रेट को कम किया है, साथ ही प्रॉसेस को सरल, पारदर्शी और फास्ट किया है। मोदी ने कहा कि हमेशा मध्यम वर्ग के साथ खड़ी रहने वाली उनकी सरकार ने मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत दी है।
इसके कुछ दिन बाद, 7 फरवरी को भाजपा के सभी सांसदों की बैठक (संसदीय दल) को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी सांसदों को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर गरीबों और मध्यम वर्ग से बातचीत कर उन्हें यह बताने का निर्देश दिया कि इस बार के बजट में सरकार की तरफ से उन्हें क्या-क्या दिया गया है।
इसके अगले दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सभा में स्वयं मोर्चा संभालते हुए देश के मिडिल क्लास को एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने का प्रयास किया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने 8 फरवरी को लोक सभा में कहा, वोट बैंक की राजनीति ने देश के सामथ्र्य को कभी-कभी बहुत बड़ा गहरा धक्का पहुंचाया है। और उसी का परिणाम है कि देश में जो होना चाहिए, जो समय पर होना चाहिए था उसमें काफी देर हो गई। आप देखिए मध्यम वर्ग, लंबे समय तक मध्यम वर्ग को पूरी तरह नकार दिया गया। उसकी तरफ देखा तक नहीं गया।
एक प्रकार से वो मान के चला कि हमारा कोई नहीं, अपने ही बलबूते पर जो हो सकता है करते चलो। वो अपनी पूरी शक्ति बेचारा खपा देता था। लेकिन हमारी सरकार, एनडीए सरकार ने मध्यम वर्ग की ईमानदारी को पहचाना है। उन्हें सुरक्षा प्रदान की है और आज हमारा परिश्रमी मध्यम वर्ग देश को नई ऊंचाई पर ले जा रहा है।
मोदी ने सरकार की विभिन्न योजनाओं से मध्यम वर्ग को मिले लाभ का जिक्र करते हुए कहा, 2014 के पहले जीबी डेटा की कीमत 250 रुपया थी। आज सिर्फ 10 रुपया है। औसत 20 जीबी उपयोग के हिसाब से देखा जाए तो आज एक व्यक्ति का 5 हजार रुपया बच रहा है।
पीएम मोदी ने दावा किया कि जन औषधि स्टोर के कारण आज मध्यम वर्ग का 20 हजार करोड़ रुपया बचा है। रेरा का कानून बनाकर और होम लोन की बड़ी व्यवस्था कर मध्यम वर्गीय परिवार के अपने घर के सपने को साकार करने में सरकार बड़ी भूमिका निभा रही है। सरकार की नीतियों के कारण अब मध्यम वर्गीय परिवार को यह विश्वास होने लगा है कि उच्च शिक्षा के मामले में उनके बच्चों का भविष्य उज्जवल होना तय है।
दरअसल, देश के सामाजिक ताने-बाने और अर्थव्यवस्था के साथ-साथ हर चुनाव में सरकारें बनाने और बदलने में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मध्यम वर्ग पर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की नजरें हमेशा बनी रहती हैं।
देश के सबसे बड़े करदाता मध्यम वर्ग की आमतौर पर यह शिकायत रहती है कि सरकार अन्य वर्गों की तरह न तो उनका ख्याल रखती है और न ही उनके लिए विशेष योजना लाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यम वर्ग के इसी दुखती रग पर हाथ रखकर यह संकेत दे दिया है कि 2024 के लोक सभा चुनाव में पार्टी और सरकार दोनों की निगाहें इस मध्यम वर्ग पर बनी रहेगी।