भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। भाजपा नेताओं ने पूरी तरह जमीनी स्तर पर मोर्चा संभाल लिया है और संगठन से जुड़े नेताओं के पूरे राज्य में दौरे भी शुरू हो गए हैं। राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव सियासी तौर पर अहम रहने वाले हैं क्योंकि दोनों ही राजनीतिक दल यह मानकर चल रहे हैं कि चुनाव कशमकश भरे होंगे, जिस भी दल की तैयारी बेहतर होगी उसे जीत आसानी से मिल जाएगी। यही कारण है कि भाजपा ने जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने का अभियान भी शुरू कर दिया है।
भाजपा के संगठन से जुड़े प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा और महामंत्री हितानंद लगातार क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, मगर अब अन्य नेताओं ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाने तेज कर दिए हैं। बीते रोज की ही बात करें तो प्रदेशाध्यक्ष शर्मा जबलपुर में थे और उन्होंने नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण वर्ग में हिस्सा लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधियों के काम और व्यवहार से ही पार्टी की छवि बनती है। जनप्रतिनिधि के साथ-साथ हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि सरकार की योजनाएं क्रियान्वयन के साथ ही अपना बूथ कैसे मजबूत हो इस दिशा में कार्य योजना बनाकर उसे मूर्त रूप देना होगा। पार्टी नेतृत्व में 51 फीसदी वोट शेयर का जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उसे हमें पूरा करने के लिए समाज के हर वर्ग और युवाओं को विचारधारा से जोड़ना होगा।
इसी तरह भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने रीवा में संभाग के सभी जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी, सांसद, विधायक जनप्रतिनिधियों की बैठक लेते हुए बूथ स्तर पर 51 फीसदी वोट हासिल करने का लक्ष्य करने पर जोर दिया। साथ ही कहा इसके लिए जरूरी है कि प्रत्येक बूथ और शक्ति केंद्र को तैयार किया जाए इसके लिए कार्यकर्ताओं की बैठकें भी जरूरी है।
इसी क्रम में भाजपा के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने हरदा जिले में दौरा किया और तमाम पदाधिकारियों से साथ बैठक करते हुए कहा कि, भाजपा की केंद्र और राज्य में डबल इंजन की सरकार है। हमारे पास अपार योजना है जिनका लाभ बड़ी संख्या में आम आम जन को मिल रहा है। पार्टी कार्यकर्ता अपने बूथ पर योजनाओं के लाभार्थियों की सूची तैयार करें और उन्हें पार्टी की विचारधारा से जुड़े।
वहीं भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी और सांसद रामशंकर कठेरिया ने भिंड जिले का दौरा किया और उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि हम सभी को वर्तमान कार्यकर्ताओं के साथ पुराने कार्यकर्ताओं को साथ में लेकर चलना है संगठनात्मक कार्यों के लिए हमारे पास अब सीमित समय है, इस वर्ष विधानसभा चुनाव है, सभी कार्यकर्ता अब चुनावी मोड में काम करें तथा जमीनी स्तर तक पहुंच कर सरकार की योजना और संगठन के कार्यों को केंद्रित कर उनके क्रियान्वयन में लग जाएं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो भाजपा पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है और संगठन से जुड़े पदाधिकारियों की सक्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। पार्टी नेताओं ने कार्यकर्ताओं के बीच पहुंचने का सिलसिला तेज कर दिया है वहीं उन्हें आगामी चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए भी कहा जा रहा है।