दिग्विजय सिंह पर बीजेपी हमलावर, इस नेता ने उठाई NIA जांच की मांग

बीजेपी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के कथित पाकिस्तान प्रेम को लेकर उनकी एनआईए से जांच कराने की मांग की है

Update: 2021-06-12 17:00 GMT

बीजेपी ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के कथित पाकिस्तान प्रेम को लेकर उनकी एनआईए से जांच कराने की मांग की है. इस संबंध में पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजा है.

मध्य प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष बीडी शर्मा की ओर से लिखे गए पत्र में दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के कई बयानों और गतिविधियों का जिक्र किया गया है. पत्र में कहा है कि जिस तरह दिग्विजय सिंह लगातार बयान दे रहे हैं. उससे सीधे तौर पर पाकिस्तान और आतंकियों को समर्थन मिलता है. ऐसे में दिग्विजय सिंह की गतिविधियों की जांच कराई जानी चाहिए.
'संदेह पैदा कर रहा दिग्विजय का व्यवहार'
बीडी शर्मा ने कहा कि आतंकवादियों और पाकिस्तान के प्रति उनका सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार संदेह प्रकट करता है. ऐसे में उनकी गतिविधियों की एनआईए से जांच कराई जानी चाहिए.
दिग्विजय ने दिया विवादित बयान
बताते चलें कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने 'क्लब हाउस' संवाद में भाग लिया था. उसमें उन्होंने टिप्पणी की थी कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना 'बहुत दुखद' है. उन्होंने यह भी कहा था कि केंद्र में सरकार आने पर उनकी पार्टी इस पर पुनर्विचार करेगी.
बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
उनकी इस टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. बीजेपी ने कांग्रेस ने भारत के खिलाफ बोलने और पाकिस्तान की 'हां में हां' मिलाने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी से स्पष्टीकरण देने की मांग की है.
बीजेपी की आलोचना को दरकिनार करते हुए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने जवाबी पलटवार किया है. दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'अनपढ़ लोगों की जमात को 'Shall' (करेंगे) और 'Consider' (विचार करना) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता.'
वर्ष 2019 में हटाया गया था अनुच्छेद 370
बताते चलें कि संसद ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त कर दिया था. इसके साथ जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को भी मंजूरी दे दी थी.


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