ओड़िशा। ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजू जनता दल (बीजद) प्रमुख नवीन पटनायक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान पर कुछ घंटों बाद ही पलटवार किया, जिसमें पीएम ने कहा था कि पटनायक कागज पर लिखे बिना ओडिशा के जिलों और उनकी राजधानियों के नाम भी नहीं बता सकते। मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी को सभी भूले हुए वादे याद दिलाए। उन्होंने पीएम पर भारत रत्न के लिए ओडिशा के बहादुर बेटों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया, जिसमें उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के साथ-साथ उड़िया भाषा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि केवल चुनाव के दौरान ओडिशा को याद करने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने पीएम से पूछा कि क्या आपको 2014 और 19 में किए गए अपने वादे याद हैं?
पटनायक ने शनिवार को एक वीडियो जारी कर बयान दिया, कहा कि उनसे पूछा गया था कि वह ओडिशा के बारे में कितना जानते हैं। फिर सवाल को उल्टा कर प्रधानमंत्री मोदी से पूछा कि उन्हें ओडिशा के लिए उनके द्वारा किए गए वादों के बारे में कितना याद है। उन्होंने कहा कि आपने संस्कृत को 1,000 करोड़ रुपए आवंटित किए, लेकिन उड़िया को शून्य।भले ही उड़िया एक शास्त्रीय भाषा है, लेकिन आप इसके बारे में भूल गए। कहा, मैंने ओडिशी संगीत को शास्त्रीय दर्जा देने के लिए दो प्रस्ताव भेजे, लेकिन आपने दोनों को ही अस्वीकार कर दिया। आप ओडिशी संगीत के बारे में भूल गए हैं। कहा कि आज जिनके बारे में आपने बात की है, उनमे ओडिशा के महान सपूत बीजू पटनायक सहित बहुत सारे बहादुर बेटे हैं। क्या इनमें से कोई भी भारत रत्न के लायक नहीं है।
मुख्यमंत्री पटनायक ने प्रधानमंत्री पर किसानों से किया न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दोगुना करने का वादा भी भूलने का आरोप लगाया। साथ ही निर्माणाधीन तटीय राजमार्ग को भी भूलने का आरोप लगाया। कहा कि कोयला ओडिशा की प्राकृतिक संपदा है। दावा किया कि प्रधानमंत्री 10 वर्षों में इसके लिए भुगतान की जाने वाली रॉयल्टी को बढ़ाना भूल गए।