गैस टैंकर हादसा: आग का गोला बना इलाका...जलते हुए दौड़े लोग, खौफनाक कहानी पढ़ें
14 लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन?
Jaipur LPG Tanker Blast: जयपुर के गैस टैंकर हादसे के शिकार बने लोगों की चीख अभी भी कानों में गूंज रही है। इस हादसे ने 14 जानों को निगल लिया जबकी दर्जनों अभी भी दर्द से तड़प रहे है। उस हादसे से जुड़ी कई जानकारी हर रोज सामने आ रही है। इसी बीच बताया जा रहा है कि गैस टैंकर के अन्य वाहनों से टकराने के बाद भीषण आग लगने के तुरंत आग में झुलसे 30 पीड़ितों ने जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग के पास एक खेत में बने घर में शरण ली थी। दरअसल जहां हादसा हुआ, उसी के पास एक खेत में बने अस्थाई घर में परिवार रह रहा था। जैसे ही परिवार ने लोगों की चीख पुकार सुन दरावाजा खोला तो उनके होश उड़ गए।
टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्ट के मुताबिक परिवार के मुखिया भंवर लाल ने बताया कि दर्द में चिल्ला में रहे लोग कपड़े, पानी या कोई भी ऐसी चीज मांग रहे थे जिससे उनका दर्द थोड़ा कम हो सके। उन्होंने बताया कि लोगों का शरीर जल गया था और उनमें से कई लोग तो मुश्किल से बोल पा रहे थे।
जहां हादसा हुआ वहां से अस्पताल केवल डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर था लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए भी 8 फुट की दीवार पार करनी पड़ती। जलन और दर्द से तड़प रहे लोगों के लिए इस दीवार को पार करना आसान नहीं था ऐसे में मदद के लिए उसी किसान परिवार का एक 20 साल का लड़का राकेश सैवनी आगे आया। उसने दीवार के सहारे सीढ़ी लगाई जिसके बाद सभी घायल एक-एक कर दीवार पार कर अस्पताल पहुंचे।
रिपोर्ट के मुताबिक राकेश ने उस खौफनाक मंजर के बारे में बात करते हुए कहा, मैंने देखा कि कम से कम 30 लोग हमारे खेत की तरफ दौड़े आ रहे हैं। वह लोग दर्द से चिल्ला रहे थे। कइयों के कपड़े तक जल गए थे। मैंने एक पल की देर नहीं की और तुरंत सीढ़ी लगाई। जो लोग सीढ़ी भी नहीं चढ़ पा रहे थे सैनी ने खुद उन्हें सीढ़ी चढ़ाई और उनकी मदद की।
भयावह स्थिति के बारे में बताते हुए कांडोई अस्पताल के मालिक डॉ. रमन कांडोई ने कहा, “अलग-अलग डिग्री के जले हुए लगभग 30 लोग मदद की गुहार लगाते हुए पहुंचे। उनकी शरीर जल रहा थी और वे दर्द से तड़प रहे थे। एक सर्जन के तौर मेरे लिए भी यह काफी खौफनाक मंजर था। इसके बाद उन्होंने और उनकी पत्नी जो एक डॉक्टर हैं, प्रारंभिक इलाज शुरू किया। इसके बाद एंबुलेंस में एसएमएस अस्पताल पहुंचाया।