भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय वार्ता, प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत रूसी समुदाय के लोगों ने कृष्ण भजन के साथ किया
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नई दिल्ली: रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट का आयोजन 23 और 24 अक्टूबर को होगा. इस समिट से पहले मंगलवार को पीएम मोदी कजान पहुंचे. यहां उनकी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात हुई. दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय वार्ता में भाग लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूस के कजान शहर में उत्साह के साथ लोगों ने स्वागत किया. यहां रूसी समुदाय के लोगों ने कृष्ण भजन गाया और पीएम मोदी का स्वागत किया.
ब्रिक्स समिट से क्या उम्मीदें?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में वैश्विक नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. इस यात्रा को भारत की वैश्विक स्थिति के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इससे पहले पीएम मोदी ने कहा, ब्रिक्स वैश्विक विकास एजेंडे से संबंधित कई प्रमुख मुद्दों पर बातचीत और चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है. रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा, ब्रिक्स के मुख्य मुद्दे आर्थिक सहयोग का और विस्तार, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार और वैश्विक सुरक्षा समेत अन्य विषय हैं. उन्होंने कहा, भारत ब्रिक्स का संस्थापक सदस्य है और ब्रिक्स के ढांचे के भीतर आर्थिक सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है. ग्लोबल साउथ के कई देशों और अन्य देशों के बीच ब्रिक्स के साथ सहयोग करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में रुचि बढ़ रही है.
विनय कुमार का कहना था कि ब्रिक्स जिस मुख्य मुद्दे पर विचार कर रहा है, वह है आर्थिक सहयोग का और विस्तार, राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार, सतत विकास, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री का LiFE मिशन, समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए डिजिटल समावेशन, वित्तीय समावेशन की दिशा में काम करना और भारत में उपलब्धियों को ब्रिक्स के साथी सदस्यों के साथ साझा करना, महिलाओं के नेतृत्व में विकास, DPI या UPI को कैसे ज्यादा व्यापक रूप से स्वीकार्य बनाया जाए, अनिवार्य रूप से आर्थिक सहयोग को गहरा करना और वैश्विक दक्षिण के बड़े हिस्से के साथ लाभों को साझा करना है.