बिहार विधानसभा चुनाव: सीमांचल में गरमाया CAA-NRC का मुद्दा

Update: 2020-11-05 04:00 GMT

बिहार विधानसभा चुनाव में अभी तक लग रहा था कि सीएए-एनआरसी का मुद्दा अहम होकर भी चुनावी एजेंडे से बाहर रहेगा, लेकिन सियासी तापमान चढ़ने लगा तो सीमांचल के इलाके में इसका शोर सुनाई देने लगा है. राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने कोर वोटबैंक को साधने के लिए हिसाब से सीएए-एनआरसी पर चुनावी बिसात बिछाने में जुट गई हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और AIMIM चीफ असदुद्दीन औवैसी ने सीएए और एनआरसी की लौ पर सियासी खिचड़ी पकाने की कवायद की है.

नीतीश ने कहा- कोई बाहर नहीं निकाल सकता

मुस्लिम बहुल सीमांचल के सियासी समीकरण को साधने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को किशनगंज के कोचाधामन में उतरे थे. नीतीश कुमार ने इस दौरान अल्पसंख्यकों के लिए किए गए कामों का जिक्र करते हुए सीएए और एनआरसी को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने भाषण की शुरुआत में ही कहा, कुछ लोग दुष्प्रचार और ऐसी फालतू बातें कर रहे हैं कि लोगों को देश के बाहर कर दिया जाएगा. यहां से, देश से कौन किसको बाहर करेगा. किसी में दम नहीं है कि हमारे लोगों को देश से बाहर कर दे. सभी लोग हिन्दुस्तान के हैं, कौन बाहर करेगा?'

योगी बोले- सरकार बनी तो घुसपैठिये होंगे बाहर

नीतीश कुमार का बयान सीएए-एनआरसी से सबको बचाने वाला प्रतीक हो रहा है तो किशनगंज से करीब सवा सौ किलोमीटर दूर कटियार में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनडीए की फिर से सरकार बनते ही चुन-चुनकर घुसपैठियों को बाहर खदेड़ने की बात कर रहे थे. योगी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने घुसपैठ के मसले का हल तलाश लिया है. सीएए के साथ, उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में यातना का सामना करने वाले अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की है. योगी ने यह भी कहा कि देश की सुरक्षा को भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी घुसपैठिए को बाहर निकाला जाएगा.

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