पटना: बिहार के फुलवारी में टेरर मॉड्यूल के खुलासा के बाद रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं. इस मामले की जांच अब NIA कर रही है. जांच में ये बात सामने आई है कि टैलेंट सर्च के नाम पर युवाओं को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा था. स्कूल-कॉलेजों में बच्चों और छात्रों को ब्रेनवाश कर ट्रेनिंग की योजना बनाई जा रही थी. इसी बीच, पूरे मामले का खुलासा हो गया और आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई.
जांच एजेंसियों के मुताबिक, इस काम में दोहा की संस्था रास राफेल ने प्लानिंग की थी. जिसके तहत युवाओं का ब्रेनवॉश करने की प्लानिंग थी. पटना के फुलवारी शरीफ में पीएफआई एसडीपीआई और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों चल रही जांच और कार्रवाई मामले में इस टैलेंट सर्च का खुलासा हुआ है. पीएफआई से जुड़े मामलों में जो खुलासे हुए हैं. वह काफी हैरान करने वाले हैं. जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, रास राफेल संस्था के पेन इंडिया मूवमेंट का मकसद काफी खतरनाक था.
इसे लेकर पैन इंडिया मूवमेंट चलाया जाना था. इसमें मुस्लिम समुदाय से जुड़े स्कूल टारगेट पर लिये जाने थे. मदरसा के अलावा जहां-जहां मुस्लिम छात्रों की बहुलता थी- वहां टैलेंट सर्च कार्यक्रम का आयोजन कर युवाओं को जोड़ने की प्लानिंग की गई थी. स्कूल और कॉलेजों के मुस्लिम बच्चों को ब्रेन वॉश करने की तैयारी थी. इन बच्चों में देश और समाज विशेष के प्रति नफरत भरने की पूरी तैयारी की गई थी.
जांच एजेंसियों के अनुसार, पीएफआई के एक खतरनाक मॉड्यूल के बारे में जो जानकारी मिली है. वह कई सवाल खड़े करती है. इतना ही नहीं, संगठन की ओर से हत्या से लेकर चाकू चलाने और रॉड चलाने की ट्रेनिंग के अलावा फायर आर्म्स की ट्रेनिंग दी जाती थी. परंपरागत हथियारों की ट्रेनिंग मैदानों में दी जाती थी. जबकि फायर आर्म्स की ट्रेनिंग बंद कमरे में दी जाती थी. फायर आर्म्स की ट्रेनिंग में आर्टिफिशियल ह्यूमन एनाटॉमी के माध्यम से ट्रेनिंग देने का प्रावधान था.
ट्रेनिंग के दौरान बताया जाता था किस अंग पर चोट करने से जल्द मौत होगी. इधर, इस मामले में पटना पुलिस की एसआईटी ने झारखंड के रिटायर्ड पुलिस अफसर जलालुद्दीन और लखनऊ से गिरफ्तार किए गए पेशे से अधिवक्ता नूरुद्दीन जंगी को 48 घंटे के रिमांड पर लेने के बाद और खुलासे की उम्मीद है.