नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कहा है कि कई हिस्सों से आतंक के इको-सिस्टम का काफी हद तक खात्मा कर दिया गया है। साथ ही पूरे इलाके से उग्रवाद को जड़ से समाप्त करने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद केवल सोसाइटी के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि सभ्यता के लिए भी है। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि विकास के रास्ते में बाधा बनने वालों के खिलाफ खड़े हों।
उपराज्यपाल ने कहा, 'पुलिस और सुरक्षा बलों की टीम जम्मू कश्मीर के कई इलाकों से आतंकवाद को खत्म करने में सफल हुई है। लेकिन इसे जड़ से ही समाप्त किए जाने की जरूरत है। समाज में कुछ ऐसे तत्व हैं जो दिखाई नहीं दे रहे और वो अंदर से कमजोर करने की कोशिश में लगे हुए हैं। पुलिस को इन पर नजर बनाए रखनी होगी।'
मनोज सिन्हा ने कहा कि पुलिस की नीति निर्दोष लोगों को परेशान करने की नहीं है, बल्कि दोषियों को सजा दिलाने की है। उन्होंने कहा कि बीते तीन साल में पुलिस की फायरिंग में एक भी निर्दोष आम नागरिक की मौत नहीं हुई है।
एलजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अपने कौशल, समर्पण, गतिशीलता और देश की संप्रभुता की रक्षा करने के संकल्प के साथ सुरक्षा तंत्र का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा, 'हमें और अधिक कमिटमेंट के साथ काम करने की जरूरत है, ताकि नए उभरते खतरों को रोका जा सके। बुरी मंशा से काम कर रहे विरोधियों की ओर से कई ऐसी गतिविधियां चलाई जा रही हैं, जिन पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों का दोगुना प्रयास करना होगा।'
सिन्हा ने जोर देकर कहा कि अगर 'नार्को- टेररिज्म' पर समय से काबू नहीं पाया गया तो यह एक बड़ा सिक्योरिटी और सोशल चैलेंज बनकर उभरेगा। लोगों का विश्वास जीतने के लिए उन्होंने पुलिस की तारीफ की। उन्होंने कहा कि विकास कार्य, कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी, ड्रग सिंडिकेट के खिलाफ कार्रवाई और आतंकवाद विरोधी अभियानों में अच्छा काम हुआ है।