बड़ा झटका: बॉम्बे हाई कोर्ट ने खारिज की नवनीत राणा और रवि राणा की अर्जी

Update: 2022-04-25 11:17 GMT

मुंबई: मुंबई में हनुमान चालीसा विवाद के बाद से माहौल गरम है. इस बीच सोमवार को निर्दलीय सांसद नवनीत राणा की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. यह याचिका उन पर दर्ज दूसरी FIR के खिलाफ दायर की गई थी. कोर्ट ने ये याचिका खारिज कर दी है. साथ ही उन्हें फटकार भी लगाया है.

हालांकि बॉम्बे हाई कोर्ट ने खार थाने में दर्ज दूसरी FIR मामले में सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को राहत दे दी है. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. अदालत ने यह कहते हुए याचिका को खारिज कर दिया कि कानून और व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका को राज्य में उचित ठहराया गया था.
बता दें कि नवनीत राणा ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, उन्होंने आईपीसी की धारा 353 के तहत दर्ज FIR को रद्द करने की याचिका दायर की थी.
पुलिस ने सांसद नवनीत और रवि राणा पर धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया था. बाद में पुलिस ने राणा दंपति पर धारा 353 के तहत एक और केस दर्ज किया गया था. फिर रविवार बांद्रा कोर्ट में अभियोजन पक्ष ने पुलिस रिमांड की मांग की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. राणा दंपति पर राजद्रोह की धारा भी लगाई गई है. शिवसैनिकों ने शिकायत की थी कि मातोश्री उनके लिए मंदिर की तरह है. राणा दंपति ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
वहीं सोमवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि नवनीत राणा (navneet rana) को हनुमान चलीसा पढ़ने के लिए गिरफ्तार नहीं किया है. उनके स्टेटमेंट्स (बयान) के कारण जो कानून व्यवस्था को दिक्कत की स्थिती पैदा हुई उसकी वजह से अरेस्ट किया गया है.
मंत्री ने कहा, 'नवनीत राणा जानबूझकर अशांति पैदा कर रही थीं. उनके हनुमान चलीसा पढ़ने को लेकर कोई विरोध नहीं था. लेकिन वो दूसरे के घर जा कर क्यों ऐसा करना चाहती थीं? खुद के घर करें. उन्होंने कानून व्यवस्था में दिक्कत पैदा की इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया.
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