बॉर्डर से बड़ी खबर: चीन को भारत से जंग लड़ने की चुल्ल मची है, अपनी ही बर्बादी लिख रहा ड्रैगन

Update: 2021-11-29 02:39 GMT

नई दिल्ली: चीन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ सैन्य बुनियादी ढांचे में लगातार भारी निवेश कर रहा है। ऐसे में भारत ने चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा किए जा रहे इस निर्माण पर चिंता जताई है। हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर के पास के इलाकों में चीनी सेना द्वारा किए गए निर्माण पर चिंता व्यक्त की। सूत्रों ने कहा कि भारत की चिंता की वजह यह है कि चीन यहां नए राजमार्ग बना रहा है। सड़कों को जोड़ रहा है, नए आवास और बस्तियों का भी निर्माण कर रहा है। चीनी सेना ने एलएसी पर अपनी ओर मिसाइल रेजिमेंट सहित भारी हथियारों को तैनात किया है।

सूत्रों ने कहा कि सैन्य बुनियादी ढांचे का उन्नतीकरण बहुत महत्वपूर्ण रहा है, क्योंकि चीन हाईवे को चौड़ा कर रहा है। वहीं, काशगर, गर गुनसा और होतान में चीन के ठिकानों के अलावा अब वह नई हवाई पट्टियों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक बड़ा चौड़ा हाईवे भी विकसित किया जा रहा है, जो एलएसी पर चीनी सैन्य ठिकानों की आंतरिक इलाकों से संपर्क को और बेहतर करेगा। चीनी सेना अपनी वायुसेना और सेना के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। साथ ही उन्हें अमेरिकी और अन्य सैटेलाइट की नजरों से बचाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, चीन द्वारा तिब्बतियों को भर्ती करने और उन्हें हान सैनिकों के साथ सीमा चौकियों पर तैनात करने का प्रयास भी किया जा रहा है। चीन तिब्बत के लोगों का इस्तेमाल इस अधिक चुनौतीपूर्ण इलाके में करना चाहता है, क्योंकि चीनी सैनिकों के लिए इन विषम इलाकों में काम करना काफी कठिन होता है।
सूत्रों ने कहा चीन ने बड़ी संख्या में ड्रोन को इस क्षेत्र में निगरानी के लिए तैनात किया है। यह पूछे जाने पर कि क्या हाल के दिनों में भारतीय सीमाओं के सामने तैनात चीनी सैनिकों की संख्या बढ़ी है। इस पर सूत्रों ने कहा कि चीन ने उस क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय पक्ष भी पिछले साल की तुलना में बहुत अधिक तैयार है। उसने इस इलाके में किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए कमर कस ली है।


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