राजधानी से बड़ी खबर...प्राइवेट एंबुलेंस का किराया फिक्स...ये है नई दरें

बड़ी खबर

Update: 2021-05-06 15:34 GMT

फाइल फोटो 

नई दिल्ली. कोरोना (COVID-19) की मार झेल रही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में प्राइवेट एंबुलेंस चालकों द्वारा अवैध वसूली की कई शिकायतें मिल रही थीं. मरीजों की परेशानी सामने आने के बाद अब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. मुनाफाखोरों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने निजी एंबुलेंस की दरें तय कर दी हैं. सरकार ने साफ तौर पर निर्देश दिए हैं कि अगर आदेश का उल्लंघन किया जाएगा को सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने एंबुलेंस सेवा को तीन कैटेगरी में बांटा है और दूरी के हिसाब से किराया तय कर दिया है.



 


फैसले की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''यह हमारे संज्ञान में आया है कि दिल्ली में निजी एंबुलेंस सेवाएं नाजायज रूप से मरीजों से पैसे वसूल रही हैं. इससे बचने के लिए, दिल्ली सरकार ने अधिकतम कीमतें तय की हैं जो निजी एंबुलेंस सेवाएं ले सकती हैं. आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.''
सरकार की बड़ी तैयारी
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और ऑक्सीजन की कमी की मार झेल रही दिल्ली के लिए एक अच्छी खबर है. दिल्ली सरकार ने अब कोविड-19 पर डबल अटैक करने का प्लान तैयार कर लिया है. राजधानी में 10 मई तक 1200 आईसीयू बेड तैयार करने की योजना केजरीवाल सरकार बना रही है. गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात की जानकारी दी है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ''पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में ऑक्सीजन की भारी कमी चल रही थी. दिल्ली में 700 टन की जरूरत है लेकिन कभी 300, 400 450 टन ही मिल रही थी. कल पहली बार दिल्ली को 730 टन ऑक्सीजन केंद्र सरकार ने भेजी है. मेरी गुज़ारिश है इसे कम मत कीजिएगा, हम सभी दिल्ली वाले शुक्रगुज़ार रहेंगे.''
दिल्ली हाईकोर्ट की हिदायत
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा ऑक्सीजन की कमी के बारे में झूठे चेतावनी संदेश नहीं दिए जाने चाहिए, क्योंकि इससे पहले से ही दबाव झेल रहे सरकारी तंत्र पर अनावश्क रूप से बोझ और बढ़ जाता है. इसके साथ ही दिल्‍ली हाईकोर्ट ने दिशा-निर्देश तय किए कि कब इस तरह के एसओएस (त्राहिमाम संदेश) जारी किए जाएंगे.
दिल्‍ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब अस्पताल के पास छह घंटे या उससे कम समय की ऑक्सीजन बाकी हो, तो उसे पहले अपने आपूर्तिकर्ता से संपर्क करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है तो अस्पताल को नोडल अधिकारी को सूचना देनी चाहिए. इसके बाद भी आपूर्ति प्राप्त नहीं होने और केवल तीन घंटे की ऑक्सीजन बची होने की सूरत में वे न्याय मित्र एवं वरिष्ठ वकील राजशेखर राव या वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा या दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील सत्यकाम से संपर्क कर सकते हैं.
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