गोरखपुर: बिहार और उत्तर प्रदेश में फैले पूर्वांचल इलाके के बाहुबली नेता राजन तिवारी को गिरफ्तार किया जा चुका है. अब पुलिस उसे बहुत जल्द गोरखपुर कोर्ट में पेश करेगी. मोस्ट वांटेड की लिस्ट में शुमार राजन तिवारी पर 25,000 रुपये का इनाम था.
बिहार के मोतिहारी में गोविंदगंज से विधायक रह चुके राजन तिवारी को बिहार पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस ने भारत-नेपाल बॉर्डर पर रक्सौल से गिरफ्तार किया है. राजन तिवारी वहां से नेपाल भागने की फिराक में था.
राजन तिवारी के खिलाफ 60 से ज्यादा मामलों में गैर जमानती वारंट जारी है. 2005 के बाद से कभी राजन तिवारी कोर्ट में पेश नहीं हुआ. उत्तर प्रदेश पुलिस की 61 मोस्ट वांटेड माफियाओं की लिस्ट में राजन तिवारी का भी नाम था. राजन तिवारी पर यूपी और बिहार में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. राजन तिवारी गैंगस्टर श्रीप्रकाश शुक्ला का करीबी रहा है. पुलिस अब जल्द ही राजन तिवारी को गोरखपुर कोर्ट में पेश करेगी.
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव के रहने वाले राजन तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा भी इसी जिले में हुई. युवा अवस्था में राजन तिवारी ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. 90 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद राजन तिवारी का नाम कई अपराधों में सामने आया. श्रीप्रकाश शुक्ला के साथ जुड़े मामलों में भी राजन तिवारी शामिल रहे, जिससे उसकी गिनती बाहुबलियों में होने लगी.
यूपी के महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में भी राजन तिवारी का नाम आया था. इस घटना में माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. इस आपराधिक कृत्य की वजह से राजन तिवारी यूपी पुलिस के लिए वॉन्टेड बन चुका था. हालांकि, वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले के मामले में राजन तिवारी 2014 में ही बरी हो गया था. राजन तिवारी दो बार विधानसभा के लिए चुने गए. वह पूर्वी चंपारण के गोविदगंज से लोजपा विधायक रह चुके हैं.