नई दिल्ली: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अगले साल विधानसभा चुनाव होने की चर्चाएं हैं। इस बीच चुनाव की आहट से पहले ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने विपक्षी एकता को करारा झटका दिया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ऐलान किया है कि वह चुनाव से पूर्व कोई गठबंधन नहीं करेगी और अकेले ही 90 सीटों पर चुनावी जंग में उतरेगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस फैसले से गुपकार गठबंधन पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद गुपकार अलायंस का ऐलान हुआ था और जम्मू-कश्मीर को स्वायत्ता वापस दिलाने के लिए संघर्ष का ऐलान किया गया था। बुधवार को उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद पार्टी की ओर से इस बारे में बयान जारी किया गया है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा, 'नेशनल कॉन्फ्रेंस की कमेटी के सदस्यों का कहना है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस को सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।' पार्टी के प्रवक्ता ने कहा कि मीटिंग में शामिल कई नेताओं ने गठबंधन के दलों की ओर से नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ जारी किए गए बयानों पर आपत्ति जताई। नेताओं का कहना था कि ऐसा कहना गलत है और गुपकार अलायंस समझौते का पालन करना चाहिए। पार्टी के उपाध्यक्ष ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों को पूरा कर सकती है। उमर अब्दुल्ला अब इस मामले पर डॉ. फारूक अब्दुल्ला से बात करेंगे और उसके बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि कुपवाड़ा और कई अन्य जिलों में पीडीपी के नेताओं ने हमारी पार्टी पर हमले किए हैं। यह गलत तरीका है। उन्होंने कहा कि मीटिंग के दौरान पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को इस मसले से अवगत कराया गया है। हालांकि नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले को लेकर पीडीपी ने कहा कि अलग चुनाव लड़ने के फैसले से बड़ा लक्ष्य प्रभावित नहीं होगा। पीडीपी ने कहा कि गुपकार अलायंस का गठन बड़े मकसद के तहत किया गया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से इस पर कोई असर नहीं होगा।