पटना: बिहार में सियासी बवाल अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने बीजेपी से नाता तोड़कर आरजेडी के साथ बिहार में सरकार बना ली. ऐसे में जहां नीतीश एक बार फिर सीएम की कुर्सी पर बैठे तो वहीं लालू के लाल तेजस्वी यादव (Tajashwi Yadav) को डिप्टी सीएम का पद मिला. लेकिन मामला यहीं तक नहीं सिमटा, बिहार में अब नई कैबिनेट को लेकर भी माथापच्ची जारी है. तो वहीं NDA को जल्द ही एक और झटका लगने की बात सामने आ रही है.
जानकारी के मुताबिक बिहार से NDA के तीन सांसद जेडीयू और आरजेडी का समर्थन कर सकते हैं. ये तीनो सांसद लोक जनशक्ति पार्टी के पारस गुट के हैं. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने ऐलान किया था कि वो NDA के साथ रहेंगे. ऐसे में माना जा रहा है कि खगड़िया के सांसद महबूब अली कैसर आरजेडी, और वैशाली से सांसद वीणा देवी और नवादा से चंदन सिंह जेडीयू में शामिल हो सकते है.
2019 में लोक जनशक्ति पार्टी के 6 सांसद जीते थे. पिछले साल लोक जनशक्ति पार्टी में हुई टूट के बाद पार्टी चिराग और पारस गट में बंट गईं. पारस के साथ 5 सांसद थे जबकि चिराग अकेले. अब खबर है कि जमुई से सांसद चिराग, हाजीपुर से पारस और समस्तीपुर से प्रिंस जो कि एक ही परिवार है इनको छोड़ सभी 3 सांसद NDA छोड़ देंगे.
दूसरी तरफ बिहार में नीतीश कुमार और महागठबंधन के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. बेगूसराय में सांसद गिरिराज सिंह ने तेजस्वी और नीतीश कुमार पर हमला बोला. गिरिराज सिंह ने राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा के साथ विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि अति महत्वाकांक्षा की वजह से कुछ लोगों के कहने पर नीतीश कुमार को लगा कि वह आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री बन सकते हैं. इतिहास गवाह है कि भाजपा की बदौलत ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री रहे हैं.
औरंगाबाद में नीतीश के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सांसद सुशील कुमार सिंह ने नीतीश कुमार को पलटीमार चरित्र बताया और कहा कि सत्ता के लिये 'पलटूराम' नीतीश कुमार कुछ भी कर सकते हैं. वहीं शेखपुरा में राज्यसभा सांसद शंभू शरण पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार महत्वाकांक्षी हो गए और 'जंगलराज-2' लाने जा रहे हैं.