प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद की क्रेता सुरक्षा सरकारी आवास समिति के घोटाले में शामिल होने के आरोपी रॉ और एसएसबी के सात पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार एवं न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने दिया है। इन अधिकारियों ने गाजियाबाद के विजयनगर थाना में दर्ज एफआईआर रद्द करने व गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग में याचिका दाखिल की है।
अधिकारियों की ओर से अंतरिम राहत देने की मांग करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है। कोर्ट ने अधिकारियों की इस मामले में गिरफ्तारी पर रोक का आदेश देने से इनकार करते हुए राज्य सरकार से याचिका पर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। इन अधिकारियों के खिलाफ एसएसबी के पूर्व अधिकारी आरएस चौहान ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि सभी पूर्व वरिष्ठ अधिकारी सोसाइटी की मैनेजिंग कमेटी में शामिल थे और उन्होंने बिल्डरों से मिलकर घोटाला किया।
सोसाइटी का गठन एसएसबी और रॉ के कर्मचारियों को सरकारी आवास उपलब्ध कराने के लिए किया गया था। इसके लिए सरकार द्वारा अधिग्रहीत की गई भूमि में बिल्डर से साठगांठ कर घोटाला करने का आरोप है। जिन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है, उनमें पूर्व संयुक्त सचिव एसएसबी पीएस बोरा, डिप्टी कमांडेंट कर्नल बीएस संधू, केसी पांडेय, अनिल पंत, एससी कटोच आदि शामिल हैं। ये सभी रिटायर अधिकारी हैं।