अहमदाबाद: समाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार को आज अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के रूम नंबर 22 में पेश किया जाएगा. शनिवार को हिरासत में ली गई तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर गुजरात एटीएस आज सुबह अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंची. इसके बाद अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की ओर से श्रीकुमार और तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी चैतन्य मंडलिक ने कहा कि 24 जून 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. फैसले के आधार पर हमने एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है और जल्द ही तीसरे आरोपी संजीव भट्ट को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि पद का दुरुपयोग करते हुए मामले में झूठे दस्तावेज और झूठे रिकार्ड पेश किए गए थे.
चैतन्य मंडलिक ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड़ पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही है. फिलहाल हम सभी तरह के दस्तावेज इक्ट्ठा कर रहे हैं. एसआईटी से भी डॉक्यूमेंट्स लेंगे.
मंडलिक ने कहा कि मंडलिक ने कहा कि क्राइम ब्रांच ने सभी तरह के मेडिकल प्रॉसेस को पूरा कर लिया है. तीन बजे के पहले आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. कोर्ट से दोनों आरोपियों के 14 दिन की हिरासत की मांग करेगी. उन्होंने ये भी कहा कि कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों को हमलोगों से कोई शिकायत है तो वे मजिस्ट्रेट को बता सकते हैं.
उधर, सूत्रों के मुताबिक, तीस्ता सीतलवाड़ की विदेशी कनेक्शन की जांच की जाएगी. उसके बैंक अकाउंट्स की भी जांच की जाएगी. जिन लोगों ने तीस्ता सीतलवाड़ की मदद की, जैसे कि कार्यकर्ता, वकील और पत्रकार उन्हें क्राइम ब्रांच पूछताछ के लिए बुला सकती है और उनसे पूछताछ की जा सकती है कि उनके पास क्या जानकारी है. अपराध शाखा के सूत्रों ने कहा कि कई लोग जांच के दायरे में हैं और जांच लंबी होने जा रही है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भाजपा के प्रवक्ता आरोप लगा रहे हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के इशारे पर काम किया. ये आरोप पूरी तरह से फर्जी और निराधार हैं. कांग्रेस पार्टी इन आरोपों की निंदा करती है. उन्होंने कहा कि ये आरोप सीधे तौर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को 24 जून को खारिज कर दिया था. ये याचिका जाकिया जाफरी की ओर से दाखिल की गई थी. कोर्ट ने SIT की जांच रिपोर्ट को सही माना है. कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा कि तीस्ता सीतलवाड़ के बारे में और छानबीन की जरूरत है, क्योंकि तीस्ता इस मामले में जकिया जाफरी की भावनाओं का इस्तेमाल गोपनीय ढंग से अपने स्वार्थ के लिए कर रही थी. वो इसीलिए इस मामले में लगातार घुसी रही.