बड़ी पहल: इंजीनियरिंग छात्र अब खादी और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में भी बढ़ेंगे, शुरु किया गया इंटर्नशिप प्रोग्राम
युवाओं में गांव, ग्रामोद्योग और खादी के प्रति रुझान बढ़ाने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ( एआइसीटीई ) और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने एक बड़ी पहल की गई है।
नई दिल्ली। युवाओं में गांव, ग्रामोद्योग और खादी के प्रति रुझान बढ़ाने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ( एआइसीटीई ) और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने एक बड़ी पहल की गई है। जिसके तहत बीटेक और एमटेक की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए एक खास इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरु किया गया है। जिसमें उन्हें अब इन क्षेत्रों से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उन्हें इन क्षेत्रों में आगे बढ़ने की राह भी दिखाई जाएगी।
माना जा रहा है कि इस पहल से इस क्षेत्र को और मजबूती मिलेगी। एआइसीटीई और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की ओर से तैयार किए गए इस खास इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत चयनित होने वाले बीटेक और एमटेक छात्रों को इंटर्नशिप अवधि के दौरान हर महीने पांच हजार रुपए की राशि भी दी जाएगी। साथ ही इनका चयन राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। इसके लिए छात्रों को एआइसीटीई के पोर्टल पर या फिर खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के राज्य और क्षेत्रीय कार्यालयों से जानकारी ली जा सकती है। चयनित छात्रों को इस दौरान उनकी रुचि के आधार पर खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़े क्षेत्रों में काम करने का मौका दिया जाएगा।
एनआइसीटीई से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक तकनीकी छात्रों के इस क्षेत्र में आने से इनमें बड़े स्तर पर सुधार देखने को मिलेंगे, क्योंकि देश भर में ज्यादातर ग्रामोद्योग अभी भी पुरानी तकनीकी से ही संचालित हो रहे है। जिसके चलते मौजूदा समय में उनके उत्पादों पर ज्यादा लागत आ रही है। साथ ही इनमें गुणवत्ता की भी एक बड़ी कमी है, जिसमें भी सुधार देखने को मिलेगा। इस बीच एआइसीटीई और खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग इस क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए एक स्कालरशिप प्रोग्राम भी शुरु करने की तैयारी में है।
माना जा रहा है कि शोधार्थियों के साथ मिलकर इन उत्पादों की गुणवत्ता को मजबूती दी जा सकेगी। छात्रों को खादी एवं ग्रामोद्योग क्षेत्र से जोड़ने की यह पहल उस समय शुरु की गई है, जब मौजूदा सरकार का भी पूरा जोर ग्रामीण उद्योगों को मजबूती देन और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की ओर है। फिलहाल अभी इस इंटर्नशिप प्रोग्राम के तहत छात्रों के चयन की कोई सीमा नहीं तय की है। वैसे भी शुरूआत में इनमें कम छात्रों के ही आने की उम्मीद है क्योंकि मौजूदा समय में बीटेक और एमटेक छात्रों की पसंद बहुराष्ट्रीय कंपनियां होती है।