आरक्षक की हत्या मामले में बड़ा खुलासा: शादी से मना करने पर प्रेमिका ने रची थी साज़िश

ऐसे हुआ खुलासा

Update: 2020-10-19 11:47 GMT

इटावा: अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर के निर्देशन में चलाए जा रहे अभियान के क्रम में एसओजी इटावा व थाना लवेदी पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा 8.अक्टूबर.2020 को थाना लवेदी क्षेत्र में मिले थाना रामजन्मभूमि पर तैनात पुलिस आरक्षी के शव की गुत्थी को सुलझाते कर घटना का खुलासा करते हुए 5 अभियुक्तों को आला कत्ल तथा मृतक के कपडे एवं अवैध असलाह समेत गिरफ्तार किया.

8.अक्टूबर .2020 को थाना लवेदी क्षेत्रान्तर्गत मानिकपुर से भादौपुर वाले रास्ते पर दादौरा नहर के पास एक अज्ञात शव के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हुई थी. सूचना के आधार पर उच्चाधिकारियों तथा थाना पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा शव की शिनाख्त हेतु सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से प्रयास किये जा रहे थे. जिस क्रम में शव की शिनाख्त थाना राम जन्मभूमि जनपद अयोध्या पुलिस द्वारा थाना राम जन्मभूमि पर तैनात आरक्षी योगेश चौहान पुत्र मुकेश चौहान निवासी बालाजीपुरम जनपद मथुरा के रूप में की गयी. जिसकी गुमशुदगी उनके भाई सुनील चौहान द्वारा 9.अक्टूबर.2020 को थाना रामजन्मभूमि पर दर्ज कराई गयी थी.

थाना लवेदी क्षेत्र में बरामद हुए शव तथा उसकी शिनाख्त वादी मृतक के भाई सुनील चौहान की तहरीर के आधार पर थाना लवेदी पर अभियोग पंजीकृत किया गया था. उक्त घटना के अनावरण हेतु क्षेत्राधिकारी भरथना के नेतृत्व में एसओजी इटावा व थाना लवेदी से 2 टीमों का गठन किया गया था। गठित टीमों द्वारा विभिन्न इलैक्ट्राॅनिक व मैनुअल साक्ष्यों को एकत्रित करते हुए कार्यवाही प्रारम्भ की गयी थी. जिसमें कुल 6 अभियुक्तों का घटना में संलिप्त होना पाया गया था. जिस क्रम आज 19.अक्टूबर.2020 को घटना कारित करने वाले 3 सगी बहनों सहित कुल 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है.

अभियुक्तों के कब्जे से एक अवैध तमंचा, आलाकत्ल नाॅनचाॅक तथा घटना में प्रयुक्त स्विफ्टि कार बरामद हुई तथा अभियुक्तों की निशानदेही पर मृतक के जले हुए कपडे, जूते, पुलिस का आईकार्ड व आधार कार्ड भी पुलिस टीम द्वारा बरामद किये गये है.

पुलिस पूछताछ में दी जानकारी

पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार अभियुक्तों से की गयी पूछताछ में बताया गया कि मृतक योगेश तथा अभियुक्ता मंदाकिनी उर्फ संगीता दोनों की थाना रामजन्मभूमि जनपद अयोध्या में आरक्षी पद पर तैनात थे तथा दोनों ही आपस में बात करते थे तथा महिला आरक्षी संगीता योगेश से शादी करना चाहती थी. परन्तु योगेश द्वारा शादी करने से मना कर दिया गया था. मंदाकिनी द्वारा योगेश के सम्बन्ध जनपद मथुरा में तैनात अपनी बडी बहन हेडकाॅस्टेबिल मीना देवी व गाॅव में रह रही बडी बहन ममता को बताया कि वह योगेश से प्यार करती है तथा वह शादी करना चाहती है. परन्तु योगेश शादी करने से मना कर रहा है. अभियुक्ता मीना तथा ममता द्वारा मृतक योगेश को कई बार फोन पर वार्ता शादी हेतु राजी करने का प्रयास किया गया परन्तु योगेश के मना करने पर सभी लोगों ने योगेश की हत्या करने के लिये अभियुक्ता मीना द्वारा अपनी बहन ममता व उसके प्रेमी व उसके अन्य 2 साथियों को 1 लाख रूपये का प्रलोभन देकर हत्या की योजना बनाई तथा जिसके लिये एडवान्स के रूप में घटना से पूर्व 10000/- दे दिये थे.

जिसके क्रम में योजनाबृद्व तरीके से उक्त दिन को योगेश व अभियुक्ता मंदाकिनी दोनों ही अवकाश लेकर जनपद अयोध्या से एक साथ रवाना हुए तथा बस के माध्यम से इटावा बस स्टैण्ड पहुंचे तथा अभियुुक्ता मीना अपने साथियों के साथ मथुरा से स्विफ्ट कार से इटावा आयी एवं अभियुक्त ममता भी गाॅव से इटावा आयी तथा मृतक को सवारी के बहाने अपनी कार में बिठा लिया. जिसके उपरान्त मानिकपुर मोड की ओर ले जाते समय गाडी में ही लौहे की राॅड व नाॅनचाॅक से गला दबाकर व सिर पर वार करके हत्या कर दी तथा मृतक के कपडे उताकर सूखे पडे बम्बे में फेंक दिया तथा चेहरे पर पहचान छिपाने के उद्देश्य से हारपिक (टाॅयलेट क्लीनर) डाल दिया था तथा आगे जाकर कपडे व अन्य सामान जलाकर मिट्टी में दबा दिया था तथा घटना कारित करने के उपरान्त सभी अभियुक्तगण वापस मथुरा चले गये थे.




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