बड़ा अभियान: रेलवे कर्मचारियों ने कहा- हमें भी घोषित किया जाए फ्रंटलाइन कोविड वर्कर्स

रेलवे के सबसे बड़े कर्मचारी संघ ने सोमवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया है.

Update: 2021-06-07 16:33 GMT

रेलवे (Railway) के सबसे बड़े कर्मचारी संघ ने सोमवार को एक बड़ा अभियान शुरू किया है. इस अभियान के जरिए उन्होंने मांग की है कि उन्हें फ्रंटलाइन कोविड वर्कर्स घोषित किया जाए क्योंकि वे कोरोनोवायरस संकट के दौरान लोगों की सेवा कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में वह 2,000 से अधिक सहयोगियों को खो चुके हैं.

उन्होंने अपनी मांग को और मजबूत करने के लिए ट्विटर पर हैशटैग #TreatRailwayEmployeesFrontlineWorker चलाकर सोशल मीडिया पर भी अभियान शुरू किया है. एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि दिन-रात अपने कर्तव्यों का पालन करने और अपने मूल्यवान जीवन का बलिदान करने के बावजूद फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में ना पहजाने जाने पर रेलवे कर्मचारियों में "गंभीर अशांति और असंतोष" है.उन्होंने कहा, जहां सरकार अन्य विभागों के कर्मचारियों को 'फ्रंटलाइन वर्कर' मानकर तमाम सुविधाएं मुहैया करा रही है, वहीं रेलकर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं और सरकार ने उन्हें वो सारे लाभ नहीं दिए जो एक फ्रटलाइन वर्कर्स को दिए जाते हैं तो आंदोलन तेज कर दिया जाएगा.
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने हाल ही में कहा था कि तब तक 1,952 रेलवे कर्मचारियों ने कोरोनोवायरस के कारण दम तोड़ दिया था, और उनमें से प्रतिदिन लगभग 1,000 मामले सामने आए.
किन राज्यों में पहुंचाई कितनी मेडिकल ऑक्सीजन
कर्नाटक, तमिलनाडु और हरियाणा में मेडिकल ऑक्सीजन डिलीवरी 2,000 मीट्रिक टन को पार कर गई है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य के लिए, एलएमओ डिलीवरी क्रमशः 1,800 मीट्रिक टन और 1,900 मीट्रिक टन को पार कर गई है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 37 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 मीट्रिक टन भार के साथ अपनी डिलीवरी शुरू की थी.
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