BIG BREAKING: वसूलीकांड मामलें का थानेदार गिरफ्तार, गोरखपुर में था छिपा

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Update: 2024-07-28 16:55 GMT
Baliya. बलिया। बलिया में जबरन वसूली के मामले में निलंबित होने के बाद फरार हुए नरही थाना प्रभारी को रविवार को गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया गया. इस बात की जानकारी पुलिस उप महानिरीक्षक (आजमगढ़ जोन) वैभव कृष्ण ने दी. उन्होंने बताया कि बलिया के नरही थाने में तैनात पन्ने लाल उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा पर नरही इलाके में ट्रक चालकों से कथित जबरन वसूली के मामले में वांछित था. पन्ने लाल की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि चार अभी भी फरार हैं. 25 जुलाई को कृष्णा ने पत्रकारों को बताया था कि पुलिस ने इस जिले के नरही इलाके में यूपी-बिहार सीमा पर पुलिसकर्मियों द्वारा चलाए जा रहे अवैध वसूली रैकेट का भंडाफोड़ किया है. मामले में दो पुलिसकर्मियों और 16 दलालों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि इस मामले में यहां कोरंटाडीह पुलिस चौकी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों और नरही थाने के एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है।

वसूली कांड के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बलिया के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी का तबादला करने और सदर पुलिस उपाधीक्षक शुभ सूचित को निलंबित करने का आदेश जारी किया था. साथ ही तीनों अधिकारियों की संपत्तियों की जांच के भी आदेश दिए गए थे. अधिकारियों ने बताया कि 25 जुलाई को इलाके में छापेमारी की गई थी और दो पुलिसकर्मियों समेत 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण और एडीजी वाराणसी जोन पियूष ने ज्वाइंट ऑपरेशन में इस पूरे मामले का खुलासा किया था. ऑपरेशन के बाद डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण और एडीजी वाराणसी जोन पियूष ने बताया कि नरही थाने के पुलिसकर्मियों की तरफ से यूपी-बिहार बॉर्डर पर दिन करीब 5 लाख रुपये की वसूली की जाती थी. क्योंकि हर दिन बॉर्डर से करीब 1000 ट्रक गुजरते थे और सभी ट्रकों से 500 रुपये लिया जाता था।

वसूलीकांड के खुलासे के बाद पन्ने लाल के कमरे को सील कर दिया गया था. सूत्रों ने दावा किया था कि उसके कमरे लाल रंग की डायरी भी बरामद हुई थी. ऐसे में दावा किया जा रहा है कि इस डायरी से वसूली के कई बड़े राज भी खुल सकते हैं. अब जब उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है तो माना जा रहा वसूली कांड से जुड़े सभी राज बाहर आ सकते हैं और कई बड़े चेहरे भी बेनकाब हो सकते हैं. डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण और एडीजी वाराणसी जोन पियूष ने बताया कि नरही थाने में थानेदार पन्नेलाल की पोस्टिंग पिछले 2 वर्षों से थी. वहीं, इस थाने में तैनात कई अन्य पुलिसकर्मी भी पिछले कई वर्षों से सेवाएं दे रहे थे. मामले का खुलासा डीआईजी आजमगढ़ वैभव कृष्ण और एडीजी वाराणसी जोन पियूष ने ट्रक खलासी बनकर किया था. वसूली कांड के बाद से पुलिस विभाग एक्शन में जिसके बाद कई जिलों में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार कार्रवाई की जा रही है. अब तक सीतापुर, मिर्जापुर सहित कई जिलों के पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. ये सभी पुलिसकर्मी पिछले कई वर्षों से एक थाने पर तैनात थे और भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त थे।
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