BIG BREAKING: जेल से निकलकर सांसद इंजीनियर राशिद ने दिया बड़ा बयान

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Update: 2024-09-11 12:26 GMT
Jammu and Kashmir. जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं. दिल्ली की पटियाल कोर्ट ने आतंकी फंडिंग मामले में राशिद को 2 अक्टूबर 2024 तक अंतरिम जमानत दी है. ये जमानत उन्हें आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए दी गई है. हालांकि उन्होंने 3 महीने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी. अभी उनकी नियमित जमानत याचिका पर आदेश अभी लंबित है.जेल से बाहर आने पर इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद ने कहा, "मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा. मैं शपथ लेता हूं कि मैं पीएम मोदी के 'नया कश्मीर' नैरेटिव से लड़ूंगा, जो जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह नाकाम हो गया है. 5 अगस्त 2019 को उन्होंने जो कुछ भी किया, लोगों ने उसे नकार दिया है. मैं अपने लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मोदी जी से कहना चाहेंगे कि डरो मत और डराओ मत"


उन्होंने कहा कि हम डरने वाले नहीं हैं. मेरी लड़ाई उमर अब्दुल्ला
के कहने से बड़ी है. उनकी लड़ाई कुर्सी के लिए है, मेरी लड़ाई लोगों के लिए है. मेरे लिए सरकार नहीं, कश्मीर मुद्दा है. मैं भाजपा का शिकार हूं, मैं अपनी आखिरी सांस तक पीएम मोदी की विचारधारा के खिलाफ लड़ूंगा. मैं कश्मीर अपने लोगों को एकजुट करने आ रहा हूं, उन्हें बांटने नहीं. हम कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं. चुनाव में मुझे एनडीए या INDIA गठबंधन से मतलब नहीं है. मेरा किसी से लेना देना नहीं है."
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि केवल उनकी पार्टी ही कश्मीर मुद्दे के समाधान की वकालत करती है और 'जेलों में बंद' युवाओं के लिए आवाज उठाती है. उन्होंने जेल में बंद बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद (शेख अब्दुल राशिद) की अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) पर निशाना साधते हुए कहा कि जेल में बंद व्यक्ति चुनाव लड़ रहा है, जबकि एक गरीब व्यक्ति के परिवार को जेलों में अपने रिश्तेदारों से मिलने की अनुमति नहीं है. उन्होंने कहा, 'एक तरफ, जेल में बंद किसी गरीब व्यक्ति के माता-पिता को उससे मिलने की इजाजत नहीं है, लेकिन दूसरी तरफ, कुछ लोग जेल से चुनाव लड़ रहे हैं, पार्टियां बना रहे हैं, उन्हें वाहन और सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है. जब वे हमारे उम्मीदवार पर हमला करते हैं, तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करने नहीं करती. दूसरी ओर चुनाव आयोग हमारे उम्मीदवार को नोटिस भेजता है. इससे आपको जेल के अंदर से चुनाव लड़ने वाले शख्स के बारे में पता चलता है कि वह किसकी तरफ से हैं.'
इधर, उमर अब्दुल्ला ने भी इंजीनियर राशिद पर निशाना साधते हुए उन्हें बीजेपी का सहयोगी बताया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि जेल में बंद सांसद इंजीनियर राशिद को कश्मीर के लोगों से वोट लेने के लिए जमानत दी गई है, न कि उनकी सेवा करने के लिए. उन्होंने कहा कि चुनाव बाद इंजीनियर राशिद को वापस तिहाड़ (जेल) ले जाया जाएगा और उत्तरी कश्मीर के लोग एक बार फिर प्रतिनिधि विहीन हो जाएंगे. बता दें कि राशिद ने जेल से ही लोकसभा चुनाव लड़ा था और बारामूला सीट से उमर अब्दुल्ला को हरा दिया था. हालांकि, अब्दुल्ला ने कहा कि यह देखना बाकी है कि मतदाता राशिद की अंतरिम जमानत पर क्या प्रतिक्रिया देंगे और चुनाव में इसका क्या प्रभाव पड़ेगा. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती द्वारा इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी को भाजपा का प्रॉक्सी बताने के बारे में पूछे जाने पर, उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह इस मुद्दे पर बहुत सतर्क हैं. उन्होंने कहा, 'यह अच्छा है कि महबूबा ने खुले तौर पर वह बात कह दी, जिससे बहुत सारे लोग इत्तेफाक रखते हैं.'
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