बीजेपी को जोर का झटका, मणिपुर से आई ये खबर

Update: 2022-08-30 09:09 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

इंफाल: नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी NDA से बाहर हो चुकी जनता दल यूनाइटेड (JDU) अब मणिपुर में भी भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ने जा रही है। खबर है कि पूर्वोत्तर राज्य की गठबंधन सरकार में शामिल जदयू सरकार से समर्थन वापस लेने की तैयारी कर रही है। हालांकि, अभी तक यह फैसला प्रक्रिया में है।

मंगलवार को मणिपुर जदयू के अध्यक्ष केएसएच बीरेन सिंह ने कहा, 'हम समर्थन वापस लेने की प्रक्रिया में हैं।' उन्होंने बताया कि वे कुछ औपचारिकताओं का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि मणिपुर जदयू के नेता 3-4 सितंबर को बिहार की राजधानी पटना में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में नेताओं से मिलेंगे।
उन्होंने कहा, 'हम 2 सितंबर को पटना के लिए निकलने की योजना बना रहे हैं।' मणिपुर के जदयू विधायक भी बैठक में शिरकत कर रहे हैं। सिंह भी पहले विधायक रह चुके हैं, लेकिन वह इंफाल पूर्वी जिले के लामलाई क्षेत्र से हार गए थे। NDA से बाहर होने और केंद्र में भाजपा से रिश्ते टूटने के बाद पार्टी की मणिपुर इकाई ने भी मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का समर्थन बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इस संबंध में पार्टी ने 10 अगस्त को मीटिंग की थी।
राज्य में बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में 32 सीटें आई थीं। जबकि, नेशनल पीपुल्स पार्टी को 7 सीटें मिली थी। इनके बाद जदयू 6 सीटों पर जीत के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसके बाद पार्टी ने सरकार में भाजपा का समर्थन करने का फैसला कर लिया था। उस दौरान कांग्रेस और नगा पीपुल्स फ्रंट ने 5-5 सीटों पर जीत हासिल की थी। कुकी पीपुल्स अलायंस को 2 सीटें मिली थी और राज्य में 3 निर्दलीय जीते थे। फिलहाल, भाजपा के पास जदयू समेत 55 विधायकों का समर्थन है।
केएच जॉयकिशन, गुरसंगलुर सनाते, मोहम्मद अब्दुल नासिर, मोहम्मद अशबु्द्दीन, एलएम खोटे और टीएच अरुणकुमार। हाल ही में मणिपुर भाजपा कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य डॉक्टर निमाइचंद लुवांग ने जदयू का दामन था लिया था। उनके कई समर्थक भी जदयू में शामिल हो गए थे।
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