सीबीआई का बड़ा एक्शन, निलंबित अफसर को किया गिरफ्तार, जानें वजह

इन दोनों पर निलंबन की कार्रवाई पहले ही हो चुकी है।

Update: 2022-07-29 08:38 GMT
न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गैंगस्टर अंकित गुर्जर की हत्या के मामले में दिल्ली की हाई सिक्यॉरिटी वाली तिहाड़ जेल के एक सहायक अधीक्षक और जेल वार्डर को गिरफ्तार किया है। अंकित गुर्जर पिछले साल जेल के अंदर मृत पाया गया था। गिरफ्तार आरोपियों में सहायक अधीक्षक दिनेश डबास और हेड वार्डर दीपक चिकारा शामिल हैं। इन दोनों पर निलंबन की कार्रवाई पहले ही हो चुकी है।

कुछ दिन पहले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी अभी भी अंकित की मौत के संबंध में तिहाड़ के अन्य अधिकारियों की भूमिका की जांच कर रही है। सीबीआई ने तिहाड़ जेल के पूर्व उपाधीक्षक नरेंद्र मीणा को भी मौत के मामले में गिरफ्तार किया था।
सीबीआई के मुताबिक, तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने पिछले साल अगस्त में अंकित की सेल से एक मोबाइल फोन और कुछ अन्य प्रतिबंधित सामग्री बरामद की थी। इसके बाद, उसे दूसरी सेल में ट्रांसफर किया जाना था, अंकित इसके विरोध में था। इसी को लेकर अंकित की उपाधीक्षक नरेंद्र मीणा से मारपीट हो गई थी। बाद में जेल स्टाफ ने गुर्जर और दो अन्य कैदियों के साथ कथित तौर पर मारपीट की। बाद में अंकित की सेल में ही मौत हो गई थी। इसके बाद तिहाड़ प्रशासन ने नरेंद्र मीणा और दो सहायक अधीक्षकों और एक वार्डर को सस्पेंड कर दिया था।
आपको बता दें कि गुर्जर पर 2014 में दादरी स्थित घर के बाहर भाजपा नेता विजय पंडित की हत्या करने का आरोप था। उसे 2015 में गिरफ्तार किया गया था। वह रंगदारी और हत्या समेत करीब दो दर्जन मामलों में भी आरोपी था। दिल्ली हाई कोर्ट को दी गई अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा है कि अंकित गुर्जर अवैध रूप से एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके परिवार और दोस्तों से बात करता था और जेल कर्मचारियों तक पैसे ट्रांसफर कराता था।
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