Bhiwani Landslide: भिवानी में चट्टान खिसकने से कई मरे, बीजेपी सांसद ने उठाए ये गंभीर सवाल
नई दिल्ली: नए साल के मौके पर भिवानी (Bhiwani) के डाडम (Dadam) में हुए दर्दनाक हादसे पर अब सियासी लड़ाई शुरू हो गई है. विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में काबिज बीजेपी के सांसद ने भी इस पर सवाल खड़े किए हैं.
भिवानी से बीजेपी चौधरी धर्मबीर सिंह (chaudhary dharambir singh) का सीधा आरोप है कि ये हादसा खनन माफियाओं की गड़बड़ से हुआ है. उन्होंने कहा कि कोई कितना बड़ा आदमी हो, सजा मिलनी चाहिए. सांसद ने सीएम से जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
सांसद चौधरी धर्मबीर सिंह ने कहा कि डाडम में खनन माफिया गुंडागर्दी करते हैं. वहां किसी को आने-जाने या जांच नहीं होने दी जाती है. सांसद ने इशारों ही इशारों में बताया है कि खनन माफिया सरकार को अंधेरे में रखकर बहुत बड़ी गड़बड़ और घोटाले को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि सरकार अपने सांसद के सवालों से क्या सबक लेती है, जांच कब और किस स्तर की होती है और इस हादसे के दोषी कब तक गिरफ्त में आते हैं.
इधर, कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने भी खट्टर सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा कि भिवानी खनन हादसे में मारे गए लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? अवैध खनन के तार ऊपर तक जुड़े होने और सारे नियम कानून तोड़कर खनन की बात आ रही है. मृतकों के परिजनों को अधिकाधिक मुआवजे देने के साथ आपराधिक मामला दर्ज हो और जांच हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए.
भिवानी खनन हादसे में आज मारे गये लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है?
अवैध खनन के तार ऊपर तक जुड़े होने व सारे नियम क़ानून तोड़ कर खनन की बात आ रही है।
मृतकों के परिजनों को अधिकाधिक मुआवजे देने के साथ, आपराधिक मामला दर्ज हों और जांच HC या SC के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए।
इस मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है, जो पता करेगी हादसे की वजह क्या है? चश्मदीदों के मुताबिक, सुबह के वक्त जब मजदूर पहाड़ तोड़ने का काम कर रहे थे तभी एक हिस्सा अचानक से मजदूरों पर गिर गया. बता दें की हादसे की जगह दोनों तरफ से अरावली पर्वत से घिरी हुई है. अरावली पर्वत में तोड़-फोड़ सुप्रीम कोर्ट से बैन है.
बता दें कि शनिवार को डाडम में पहाड़ का बड़ा हिस्सा ढहने से 3 लोगों की मौत हो गई थी. मलबे में कई वाहन चपेट में आ गए थे. इससे कई लोग घायल भी हो गए. रेस्क्यू के लिए गाजियाबाद से NDRF की मधुबन से SDRF की टीम बुलाई गई थी.