भारत बायोटेक का दावा: कोवैक्सीन की बूस्टर डोज सुरक्षित और प्रभावी, इसका 5 गुना बढ़ी एंटीबॉडी

भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि उसके कोविड-19 टीके ‘कोवैक्सीन’ की बूस्टर डोज (Covaxin Booster dose) ट्रायल में किसी तरह का साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है.

Update: 2022-01-08 15:26 GMT
भारत बायोटेक का दावा: कोवैक्सीन की बूस्टर डोज सुरक्षित और प्रभावी, इसका 5 गुना बढ़ी एंटीबॉडी
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भारत बायोटेक ने शनिवार को कहा कि उसके कोविड-19 टीके 'कोवैक्सीन' की बूस्टर डोज (Covaxin Booster dose) ट्रायल में किसी तरह का साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है, और यह वायरस के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा देती है. कंपनी ने कहा कि बूस्टर डोज के रूप में कोवैक्सीन सुरक्षित है और मजबूत प्रतिरक्षा उपलब्ध कराती है. कंपनी ने दावा किया कि बूस्टर डोज लगाने (दो डोज लेने के 6 महीने बाद) के बाद 90 फीसदी लोगों में कोविड-19 के खतरनाक वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा कि ट्रायल के दौरान बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में एंटीबॉडी दो डोज लेने के मुकाबले 5 गुना बढ़ गई. कंपनी के मुताबिक, "बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में CD4 और CD8 कोशिकाओं में बढ़ोतरी देखी गई. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन लंबी सुरक्षा उपलब्ध कराती है. ट्रायल के दौरान साइड इफेक्ट की दर काफी कम देखी गई."
देश में 10 जनवरी से हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की एक अतिरिक्त डोज (प्रीकॉशन डोज) दी जाएगी. इसके लिए कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, तीसरी डोज दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से 9 महीने यानी 39 सप्ताह पूरे होने के आधार पर दिए जाएंगे. मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों ने पहली दो डोज कोविशील्ड की ली है, उन्हें कोविशील्ड टीका दिया जाएगा और जिन लोगों ने कोवैक्सीन लिया है, उन्हें कोवैक्सीन दिया जाएगा.


कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी कारगर है कोवैक्सीन
हालांकि भारत बायोटेक के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एल्ला ने पिछले नवंबर में कहा था कि कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक के 6 महीने बाद ही तीसरी डोज दी जानी चाहिए, यही सबसे उचित समय है.
भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है. देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक प्रभावी रहे डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2 फीसदी और कोरोना वायरस के सभी प्रकारों के खिलाफ 70.8 प्रतिशत कारगर है. आंकड़ों के अनुसार, देश में निर्मित यह वैक्सीन कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के खिलाफ 93.4 प्रतिशत प्रभावी है.
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