भारत बायोटेक का दावा- कोवैक्सीन का बूस्टर डोज कोरोना के दोनों वेरिएंट को बेअसर करने में सक्षम
भारत बायोटेक का दावा
देश में कोरोना (Corona Virus) के बढ़ते मामले सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं. टीकाकरण अभियान (Corona Vaccination) पर जोर देने के साथ-साथ-साथ केंद्र सरकार हर रोज राज्यों को नए दिशा-निर्देश दे रही है और हर प्रकार से तैयार रहने के लिए कह रही है. इस बीच भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन को लेकर बड़ा दावा किया है. भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का कहना है कि कोवैक्सीन का बूस्टर डोज करोना के दोनों वेरिएंट ओमिक्रॉन और डेल्टा को बेअसर करने में सक्षम है.
इससे पहले भारत बायोटेक की ओर से शनिवार को कहा गया था कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज के ट्रायल में किसी भी तरह का साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है और यह वायरस के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ लंबे समय तक सुरक्षा देती है.
भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा था कि ट्रायल के दौरान बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में एंटीबॉडी दो डोज लेने के मुकाबले 5 गुना बढ़ गई. कंपनी के मुताबिक, "बूस्टर डोज लेने के बाद लोगों में CD4 और CD8 कोशिकाओं में बढ़ोतरी देखी गई. इससे कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन लंबी सुरक्षा उपलब्ध कराती है. ट्रायल के दौरान साइड इफेक्ट की दर काफी कम देखी गई."
10 जनवरी से दी जा रही प्रीकॉशन डोज
देश में 10 जनवरी से हेल्थ केयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की एक अतिरिक्त डोज (प्रीकॉशन डोज) दी जा रही है. इसके लिए कोवैक्सीन का ही इस्तेमाल किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, तीसरी डोज दूसरी खुराक दिए जाने की तारीख से 9 महीने यानी 39 सप्ताह पूरे होने के आधार पर दी जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों ने पहली दो डोज कोविशील्ड की ली है, उन्हें कोविशील्ड टीका दिया जाएगा और जिन लोगों ने कोवैक्सीन लिया है, उन्हें कोवैक्सीन दिया जाएगा.
वहीं इससे पहले सरकार ने 5 जनवरी को कहा था कि स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जाने वाली कोविड-19 टीके की एहतियाती खुराक पहली दो खुराक की तरह ही होगी.
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने कहा था कि कोविड टीके की एहतियाती खुराक जो स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के कर्मियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों और अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को दी जाएगी, वह उसी टीके की होगी जो उन्हें पहले दी गयी थी.
उन्होंने कहा था कि जिन लोगों ने पहली दो खुराक कोविशील्ड की ली है, उन्हें कोविशील्ड टीका दिया जाएगा और जिन लोगों ने कोवैक्सीन लिया है, उन्हें कोवैक्सीन दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि टीकों के मिश्रण से जुड़ी नयी जानकारी, विज्ञान और आंकड़ों पर भी नजर रखी जा रही है.
(भाषा से इनपुट)