Bharat Bandh: आज और कल भारत बंद, 3000 बसों के पहिए थमे

Update: 2022-03-28 02:37 GMT

नई दिल्ली: भारत सरकार की नीतियों के खिलाफ सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने 28 और 29 मार्च को बंद बुलाया है. सोमवार को पश्चिम बंगाल, केरल समेत कुछ राज्यों में बंद का असर भी दिखने लगा है. हावड़ा में कर्मचारियों ने सड़क पर उतर कर बंद कराया. यूनियन का कहना है कि ये बंद सरकार की कर्मचारी, किसानों और आम नागरिकों को प्रभावित करने वाली नीतियों के खिलाफ बुलाया गया है.

बताया जा रहा है कि बंद का असर बैंक, रेलवे-सड़क परिवहन और बिजली जैसी सेवाओं पर पड़ सकता है. सेंट्रल ट्रेड यूनियन ने बयान जारी कर बताया कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और क्षेत्रीय संघों ने हाल ही में दिल्ली में एक बैठक की थी. इसमें भारत बंद की तैयारियों का जायजा लिया गया था. यूनियन के मुताबिक, केंद्र सरकार की जनविरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ भारत बंद बुलाया गया है.
हरियाणा में हड़ताल के चलते 3000 बसों की रफ्तार थम गई. हरियाणा में कई मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारी लंबे वक्त से संघर्ष कर रहे हैं. पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना और निजीकरण के खिलाफ बंद बुलाया गया है. हरियाणा में कर्मचारियों ने बंद का पूरा समर्थन किया है. यह बंद दो दिन जारी रहेगा. जींद में बंद के चलते दिल्ली आगरा और अन्य लंबे रूटों की सेवाएं बाधित हैं. हालांकि, पुलिस ने दावा किया है कि बसों को चलवाया जा रहा है.
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बंद का मिलाजुला असर दिखा. कहीं कहीं वामपंथी संगठन बाजार और अन्य सेवाएं भी बंद कराते नजर आए. बताया जा रहा है कि दिन चढ़ने के साथ ही साथ बंद का प्रभाव इन इलाकों में खास तौर पर देखने को मिलेगा, जहां वामपंथियों की पकड़ मजबूत है.
वहीं, भारत बंद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को ही महाराष्ट्र आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (MESMA) लागू कर दिया है. ताकि सरकारी कर्मचारी भारत बंद में शामिल न हो सकें. महाराष्ट्र में ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने MESMA लागू होने की पुष्टि की है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में महाराष्ट्र में बिजली की खपत पहले ही बढ़ गई है और राज्य में कोयले की कमी भी है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में अगर बिजली कर्मचारी हड़ताल करते हैं, तो किसानों, उद्योगों और आम लोगों को असुविधा होगी. इसलिए MESMA लागू किया गया है.
यूनियन के मुताबिक, केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार कर्मचारी लोगों को निशाना बना रही है. सरकार ने हाल ही में पीएफ पर मिलने वाले ब्याज में 8.5% से 8.1% कटौती की है. इसके अलावा ईंधन यानी पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतें बढ़ रही हैं. बैंक यूनियनों ने दो दिवसीय 28 और 29 मार्च को हड़ताल की घोषणा की है. बैंक कर्मचारी निजीकरण के खिलाफ बंद में शामिल हुए हैं.
कौन-कौन बंद में हुआ शामिल?
यूनियन के मुताबिक, बैंकिंग और बीमा समेत वित्तीय क्षेत्र इस हड़ताल में कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर विभाग से जुड़े कर्मचारियों ने भी बंद का समर्थन किया है.
Tags:    

Similar News

-->