एक्शन में BCCI, ऋद्धिमान साहा पर जुड़े सभी मामलों की होगी जांच, कमेटी का गठन
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नई दिल्ली: भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले उन्हें श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम से बाहर कर दिया. इसके बाद उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ के साथ हुई गोपनीय बात को भी सार्वजनिक कर दिया. इसी दौरान एक पत्रकार ने भी साहा को इंटरव्यू नहीं देने पर धमकी दी. यह जानकारी भी साहा ने ही दी थी.
इसी बीच अब भारतीय बोर्ड ने तीन सदस्यीय कमेटी का भी गठन कर दिया है. यह कमेटी साहा से जुड़े सभी मामलों की जांच करेगी. इस कमेटी में राजीव शुक्ला, अरुण धूमल और अपेक्स काउंसिल के सदस्य प्रभतेज सिंह हैं.
दरअसल, टीम इंडिया को मार्च में श्रीलंका के खिलाफ दो टेस्ट की घरेलू सीरीज खेलना है. इस सीरीज के लिए टीम में साहा की जगह केएस भरत को जगह दी गई. टीम सेलेक्शन के बाद साहा ने गांगुली और द्रविड़ के साथ हुई बातचीत को मीडिया के सामने रख दिया था. साहा के मुताबिक, द्रविड़ ने संन्यास के बारे में विचार करने के लिए कहा था, जबकि गांगुली ने कहा था कि जब तक मैं बड़े पद पर हूं, तुम्हारी जगह बनी रहेगी. इसके बाद साहा पर सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है. बीसीसीआई इस पर कभी भी जवाब भी मांग सकता है.
दरअसल, सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के साथ जुड़े खिलाड़ियों को टीम सेलेक्शन से लेकर कई अन्य गोपनीय बातों को पब्लिक फोरम में रखने से मना किया जाता है, लेकिन श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट टीम में चयन होने के बाद ऋद्धिमान साहा ने टीम मैनेजमेंट में कोच राहुल द्रविड़ और बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली के साथ उनकी बातचीत को खुले तौर पर मीडिया के सामने रख दिया था. जिसकी वजह से यह विवाद और गहरा गया. अब बोर्ड उन पर लगे सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के नियमों के उल्लंघन के आरोपों का जवाब भी मांगेगा.
केंद्रीय अनुबंध में ग्रुप बी में शामिल साहा के बारे में पता चला है कि उन्होंने नियम 6.3 का उल्लंघन किया है. इस नियम के अनुसार, 'कोई भी खिलाड़ी खेल, अधिकारियों, खेल में हुई घटनाओं, प्रौद्योगिकी के उपयोग, चयन मामलों या खेल से संबंधित किसी भी अन्य मामले के बारे में किसी तरह के मीडिया में ऐसी टिप्पणी नहीं करेगा जो बीसीसीआई की राय में प्रतिकूल है या खेल, टीम या बीसीसीआई के हित में नहीं है.'